(5-6) इब्राहीम ने मरने से पहले अपनी दासियों [*दासियों शाब्दिक, “रखैल” दास स्त्रियाँ जो उसके लिये पत्नियाँ थीं।] के पुत्रों को कुछ भेंट दिया। इब्राहीम ने पुत्रों को पूर्व को भेजा। उसने इन्हें इसहाक से दूर भेजा। इसके बाद इब्राहीम ने अपनी सभी चीज़ें इसहाक को दे दीं।
इश्माएल के लोग हवीला से लेकर शूर के पास मिस्र की सीमा और उससे भी आगे अश्शूर के किनारे तक, घूमते रहे और अपने भाईयों और उनसे सम्बन्धित देशों में आक्रमण करते रहे। [†अपने भाईयों … रहे देखें उत्पत्ति 16:12]
इसहाक की पत्नी बच्चे नहीं जन सकी। इसलिए इसहाक ने यहोवा से अपनॊई पत्नी के लिए प्रार्थना की। यहोवा ने इसहाक की प्रार्थना सुनी और यहोवा ने रिबका को गर्भवती होने दिया।
जब रिबका गर्भवती थी तब वह अपने गर्भ के बच्चों से परेशान तहई, लड़के उसके गर्भ में आपस में लिपट के एक दूसरे को मारने लगे। रिबका ने यहोवा से प्रार्थना की और बोली, “मेरे साथ ऐसा क्यों हो रहा है।”
यहोवा ने कहा, “तुम्हारे गर्भ में दो राष्ट्र हैं। दो परिवारों के राजा तुम से पैदा होंगे और वे बँट जाएंगे। एक पुत्र दूसरे से बलवान होगा। बड़ा पुत्र छोटे पुत्र की सेवा करेगा।”
जब दूसरा बच्चा पैदा हुआ, वह एसाव की एड़ी को मज़बूती से पकड़े था। इसलिए उस बच्चे का नाम याकूब पड़ा। इसहाक की उम्र उस समय साठ वर्ष की थी। जब याकूब और एसाव पैदा हुए।
किन्तु याकूब ने कहा, “तुम्हें पहलौठा होने का अधिकार [§पहलौठा … अधिकार पिता के मरने के बाद पिता की अधिक से अधिक सम्पत्ति पहलौठे पुत्र को प्राय: मिलती थी और बड़ा पुत्र ही परिवार का नया संरक्षक होता था।] मुझको आज बेचना होगा।”