तब यूसुफ ने अपने नौकर को आदेश दिया। यूसुफ ने कहा, “उन व्यक्तियों की बोरियों में इतना अन्न भरी जितना ये ले जा सके और हर एक का धन उस की अन्न की बोरी में रख दो।
जब वे नगर को छोड़ चुके, यूसुफ ने अपने सेवक से कहा, “जाओ और उन लोगों का पीछा करो। उन्हें रोको और उनसे कहो, ‘हम लोग आप लोगों के प्रति अच्छे रहे। किन्तु आप लोगों ने हमारे यहाँ चोरी क्यों की? आप लोगों ने यूसुफ का चाँदी का प्याला क्यों चुराया?
इसलिए निश्चय ही हम तुम्हारे मालिक के घर से चाँदी का वह प्याला पा जाये तो उस व्यक्ति को मर जाने दिया जाये। तुम उसे मार सकते हो और हम लोग तुम्हारे दास होंगे।”
सेवक ने कहा, “जैसा तुम कहते हो हम वैसा ही करेंगे, किन्तु मैं उस व्यक्ति को मारूँगा नहीं। यदि मुझे चाँदी का प्याला मिलेगा तो वह व्यक्ति मेरा दास होगा। अन्य भाई स्वतन्त्र होंगे।” जाल फेंका गया, बिन्यामीन पकड़ा गया
सेवक ने बोरियों जल्दी जल्दी जमीन पर खोली। सेवक ने बोरियों में देखा। उसने सबसे बड़े भाई से आरम्भ किया और सबसे छोटे भाई पर अन्त किया। उसने बिन्यामीन की बोरी में प्याला पाया।
यूसुफ ने उनसे कहा, “तुम लोगों ने यह क्यों किया? क्या तुम लोगों को पता नहीं है कि गुप्त बातों को जानने का मेरा विशेष ढंग है। मुझसे बढ़कर अच्छी तरह कोई दूसरा यह नहीं कर सकता।”
यहूदा ने कहा, “महोदय, हम लोगों को कहने के लिए कुछ नहीं है। स्पष्ट करने का कोई रास्ता नहीं है। यह दिखाने का कोई तरीका नहीं है कि हम लोग अपराधी नहीं है। हम लोगों ने और कुछ किया होगा जिसके लिए परमेश्वर ने हमें अपराधी ठहराया। इसलिए हम सभी बिन्यामीन भी, आपके दास होंगे।”
किन्तु यूसुफ ने कहा, “मैं तुम सभी को दास नहीं बनाउँगा। केवल वह व्यक्ति जिसने प्याला चुराया है, मेरा दास होगा। अन्य तुम लोग शान्ति से अपने पिता के पास जा सकते हो।”
तब यहूदा यूसुफ के पास गया और उसने कहा, “महोदय, कृपाकर मुझे स्वयं स्पष्ट कह लेने दें। कृपा कर मुझ से अप्रसन्न न हों। मैं जानता हूँ कि आप स्वयं फ़िरौन जैसे हैं।
और हमने आपको उत्तर दिया, ‘हमारे एक पिता हैं, वे बूढ़े हैं और हम लोगों का एक छोटा भाई है। हमारे पिता उससे बहुत प्यार करते है। क्योंकि उसका जन्म उनके बूढ़ापे में हुआ था, यह अकेला पुत्र है। हम लोगों के पिता उसे बहुत प्यार करते हैं।’
और हम लोगों ने कहा था, ‘वह छोटा लड़का नहीं आ सकता। वह अपने पिता को नहीं छोड़ सकता। यदि उसके पिता को उससे हाथ धोना पड़ा तो उसका पिता इतना दुःखी होगा कि वह मर जाएगा।’
और हम लोगों ने अपने पिता से कहा, ‘हम लोग अपने सबसे छोटे भाई के बिना नहीं जा सकते। शासक ने कहा है कि वह तब तक हम लोगों को फिर अन्न नहीं बेचेगा जब तक वह हमारे सबसे छोटे भाई को नहीं देख लेता।’
इसलिए यदि अब हम लोग अपने सबसे छोटे भाई के बिना घर जायेंगे तब हम लोगों के पिता को यह देखना पड़ेगा। यह छोटा लड़का हमारे पिता के जीवन में सबसे अधिक महत्व रखता है।
इसलिए अब मैं आपसे माँगता हूँ, और आप से प्रार्थना करता हूँ कि कृपया छोटे लड़के को अपने भाईयों के साथ लौट जाने दें और मैं यहाँ रूकूँगा और आपका दास होऊँगा।