उन सैनिकों ने सोचा की वे बलशाली है। किन्तु वे अब रणक्षेत्रों में मरे पड़े हैं। उनके शव जो कुछ भी उनके साथ था, उस सब कुछ के रहित पड़े हैं। उन बलशाली सैनिकों में कोई ऐसा नहीं था, जो आप स्वयं की रक्षा कर पाता।
(8-9) न्यायकर्ता के रूप में यहोवा ने खड़े होकर अपना निर्णय सुना दिया। परमेश्वर ने धरती के नम्र लोगों को बचाया। स्वर्ग से उसने अपना निर्णय दिया और सम्पूर्ण धरती शब्द रहित और भयभीत हो गई।
लोग परमेश्वर की मन्नतें मानेंगे और वे उन वस्तुओं को जिनकी मन्नतें उन्होंने मानीं हैं, यहोवा को अर्पण करेंगे। लोग हर किसी स्थान से उस परमेश्वर को उपहार लायेंगे।