Indian Language Bible Word Collections
Job 16:1
Job Chapters
Job 16 Verses
Books
Old Testament
New Testament
Bible Versions
English
Tamil
Hebrew
Greek
Malayalam
Hindi
Telugu
Kannada
Gujarati
Punjabi
Urdu
Bengali
Oriya
Marathi
Assamese
Books
Old Testament
New Testament
Job Chapters
Job 16 Verses
2
|
ऐसी बहुत सी बातें मैं सुन चुका हूँ, तुम सब के सब निकम्मे शान्तिदाता हो। क्या व्यर्थ बातों का अन्त कभी होगा? |
3
|
तू कौन सी बात से झिड़ककर उत्तर देता। |
4
|
जो तुम्हारी दशा मेरी सी होती, तो मैं भी तुम्हारी सी बातें कर सकता; मैं भी तुम्हारे विरुद्ध बातें जोड़ सकता, और तुम्हारे विरुद्ध सिर हिला सकता। |
5
|
वरन मैं अपने वचनों से तुम को हियाव दिलाता, और बातों से शान्ति देकर तुम्हारा शोक घटा देता। |
6
|
चाहे मैं बोलूं तौभी मेरा शोक न घटेगा, चाहे मैं चुप रहूं, तौभी मेरा दु:ख कुछ कम न होगा। |
7
|
परन्तु अब उसने मुझे उकता दिया है; उसने मेरे सारे परिवार को उजाड़ डाला है। |
8
|
और उसने जो मेरे शरीर को सुखा डाला है, वह मेरे विरुद्ध साक्षी ठहरा है, और मेरा दुबलापन मेरे विरुद्ध खड़ा हो कर मेरे साम्हने साक्षी देता है। |
9
|
उसने क्रोध में आकर मुझ को फाड़ा और मेरे पीछे पड़ा है; वह मेरे विरुद्ध दांत पीसता; और मेरा बैरी मुझ को आंखें दिखाता है। |
10
|
अब लोग मुझ पर मुंह पसारते हैं, और मेरी नामधराई कर के मेरे गाल पर थपेड़ा मारते, और मेरे विरुद्ध भीड़ लगाते हैं। |
11
|
ईश्वर ने मुझे कुटिलों के वश में कर दिया, और दुष्ट लोगों के हाथ में फेंक दिया है। |
12
|
मैं सुख से रहता था, और उसने मुझे चूर चूर कर डाला; उसने मेरी गर्दन पकड़ कर मुझे टुकड़े टुकड़े कर दिया; फिर उसने मुझे अपना निशाना बनाकर खड़ा किया है। |
13
|
उसके तीर मेरे चारों ओर उड़ रहे हैं, वह निर्दय हो कर मेरे गुर्दों को बेधता है, और मेरा पित्त भूमि पर बहाता है। |
14
|
वह शूर की नाईं मुझ पर धावा कर के मुझे चोट पर चोट पहुंचा कर घायल करता है। |
15
|
मैं ने अपनी खाल पर टाट को सी लिया है, और अपना सींग मिट्टी में मैला कर दिया है। |
16
|
रोते रोते मेरा मुंह सूज गया है, और मेरी आंखों पर घोर अन्धकार छा गया है; |
17
|
तौभी मुझ से कोई उपद्रव नहीं हुआ है, और मेरी प्रार्थना पवित्र है। |
18
|
हे पृथ्वी, तू मेरे लोहू को न ढांपना, और मेरी दोहाई कहीं न रुके। |
19
|
अब भी स्वर्ग में मेरा साक्षी है, और मेरा गवाह ऊपर है। |
20
|
मेरे मित्र मुझ से घृणा करते हैं, परन्तु मैं ईश्वर के साम्हने आंसू बहाता हूँ, |
21
|
कि कोई ईश्वर के विरुद्ध सज्जन का, और आदमी का मुक़द्दमा उसके पड़ोसी के विरुद्ध लड़े। |
22
|
क्योंकि थोड़े ही वर्षों के बीतने पर मैं उस मार्ग से चला जाऊंगा, जिस से मैं फिर वापिस न लौटूंगा। |