उसने कहा, अपने पुत्र को अर्थात अपने एकलौते पुत्र इसहाक को, जिस से तू प्रेम रखता है, संग ले कर मोरिय्याह देश में चला जा, और वहां उसको एक पहाड़ के ऊपर जो मैं तुझे बताऊंगा होमबलि करके चढ़ा।
सो इब्राहीम बिहान को तड़के उठा और अपने गदहे पर काठी कसकर अपने दो सेवक, और अपने पुत्र इसहाक को संग लिया, और होमबलि के लिये लकड़ी चीर ली; तब कूच करके उस स्थान की ओर चला, जिसकी चर्चा परमेश्वर ने उससे की थी।
इसहाक ने अपने पिता इब्राहीम से कहा, हे मेरे पिता; उसने कहा, हे मेरे पुत्र, क्या बात है उसने कहा, देख, आग और लकड़ी तो हैं; पर होमबलि के लिये भेड़ कहां है?
सो वे दोनों संग संग आगे चलते गए। और वे उस स्थान को जिसे परमेश्वर ने उसको बताया था पहुंचे; तब इब्राहीम ने वहां वेदी बनाकर लकड़ी को चुन चुनकर रखा, और अपने पुत्र इसहाक को बान्ध के वेदी पर की लकड़ी के ऊपर रख दिया।
उसने कहा, उस लड़के पर हाथ मत बढ़ा, और न उससे कुछ कर: क्योंकि तू ने जो मुझ से अपने पुत्र, वरन अपने एकलौते पुत्र को भी, नहीं रख छोड़ा; इस से मैं अब जान गया कि तू परमेश्वर का भय मानता है।
तब इब्राहीम ने आंखे उठाई, और क्या देखा, कि उसके पीछे एक मेढ़ा अपने सींगो से एक झाड़ी में बंझा हुआ है: सो इब्राहीम ने जाके उस मेंढ़े को लिया, और अपने पुत्र की सन्ती होमबलि करके चढ़ाया।
इस कारण मैं निश्चय तुझे आशीष दूंगा; और निश्चय तेरे वंश को आकाश के तारागण, और समुद्र के तीर की बालू के किनकों के समान अनगिनित करूंगा, और तेरा वंश अपने शत्रुओं के नगरों का अधिकारी होगा: