मैं तुम्हें आशीर्वाद दूँगा। मैं तुझसे एक महान राष्ट्र बनाऊँगा। मैं तुम्हारे नाम को प्रसिद्ध करूँगा। लोग तुम्हारे नाम का प्रयोग दूसरों के कल्यान के लिए करेंगे।
मैं उन लोगों को आशीर्वाद दूँगा, जो तुम्हारा भला करेंगे। किन्तु उनको दण्ड दूँगा जो तुम्हारा बुरा करेंगे। पृथ्वी के सारे मनुष्यों को आशीर्वाद देने के लिए मैं तुम्हारा उपयोग करूँगा।”
अब्राम ने जब हारान छोड़ा तो वह अकेला नहीं था। अब्राम अपनी पत्नी सारै, भतीजे लूत और हारान में उनके पास जो कुछ था, सहको साथ लाया। हारान में जो दास अब्राम को मिले थे वे भी उनके साथ गए। अब्राम और उसके दल ने हारान को छोड़ा और कनान देश तक यात्रा की।
यहोव अब्राम के सामने आया [*यहोवा … आया परमेश्वर प्राय: विशेष रीति से दिखाई पड़ा। जिससे लोग उसे देख सके जैसे आदमी, स्वर्गदूत, आग तो कभी तेज ज्योति बनता था।] यहोवा ने कहा, “मैं यह देश तुम्हारे वंशजों को दूँगा।” यहोवा अब्राम के सामने जिस जगह पर प्रकट हुआ उस जगह पर अब्राम ने एक वेदी यहोवा की उपासना के लिए बनाया।
तब अब्राम ने उस जगह को छोड़ा और बेतेल के पूर्व पहाड़ों तक यात्रा की। अब्राम ने वहाँ अपना तम्बू लगाया। बेतेल नगर पश्चिम में था। ये नगर पूर्व में था। उस जगह अब्राम ने यहोवा के लिए दूसरी वेदी बनाई और अब्राम ने वहाँ यहोवा की उपासना की।
इसलिए तुम लोगों से कहना कि तुम मेरी बहन हो। तब वे मुझको नहीं मारेंगे। वे मुझ पर दया करेंगे क्योंकि वे समझेंगे कि मैं तुम्हारा भाई हूँ। इस तरह तुम मेरा जीवन बचाओगी।”
फिरौन ने अब्राम के ऊपर दया की क्योंकि उसने समझा कि वह सारै का भाई है। फ़िरौन ने अब्राम को भेड़ें, मवेशी और गधे दिए। अब्राम को ऊँटों के साथ—साथ आदमी और स्त्रियाँ दास—दासी के रूप में मिले।
तुमने कहा, ‘यह मेरी बहन है।’ तुमने ऐसा क्यों कहा? मैंने इसे इसलिए रखा कि यह मेरी पत्नी होगी। किन्तु अब मैं तुम्हारी पत्नी को तुम्हें लौटाता हूँ। इसे लो और जाओ।”
तब फ़िरौन ने अपने पुरुषों को आज्ञा दी कि वे अब्राम को मिस्र के बाहर पहुँचा दे। इस तरह अब्राम और उसकी पत्नी ने वह जगह छोड़ी और वे सभी चीज़े अपने साथ ले गए जो उनकी थीं।