और नदी के इस पार; और उस पार, जीवन का पेड़ था: उस में बारह प्रकार के फल लगते थे, और वह हर महीने फलता था; और उस पेड़ के पत्तों से जाति जाति के लोग चंगे होते थे।
फिर उस ने मुझ से कहा, ये बातें विश्वास के योग्य, और सत्य हैं, और प्रभु ने जो भविष्यद्वक्ताओं की आत्माओं का परमेश्वर है, अपने स्वर्गदूत को इसलिये भेजा, कि अपने दासों को वे बातें जिन का शीघ्र पूरा होना अवश्य है दिखाए।
मैं वही यूहन्ना हूं, जो ये बातें सुनता, और देखता था; और जब मैं ने सुना, और देखा, तो जो स्वर्गदूत मुझे ये बातें दिखाता था, मैं उसके पांवों पर दण्डवत करने के लिये गिर पड़ा।
और उस ने मुझ से कहा, देख, ऐसा मत कर; क्योंकि मैं तेरा और तेरे भाई भविष्यद्वक्ताओं और इस पुस्तक की बातों के मानने वालों का संगी दास हूं; परमेश्वर ही को दण्डवत कर॥
मुझ यीशु ने अपने स्वर्गदूत को इसलिये भेजा, कि तुम्हारे आगे कलीसियाओं के विषय में इन बातों की गवाही दे: मैं दाऊद का मूल, और वंश, और भोर का चमकता हुआ तारा हूं॥
मैं हर एक को जो इस पुस्तक की भविष्यद्वाणी की बातें सुनता है, गवाही देता हूं, कि यदि कोई मनुष्य इन बातों में कुछ बढ़ाए, तो परमेश्वर उन विपत्तियों को जो इस पुस्तक में लिखीं हैं, उस पर बढ़ाएगा।
और यदि कोई इस भविष्यद्वाणी की पुस्तक की बातों में से कुछ निकाल डाले, तो परमेश्वर उस जीवन के पेड़ और पवित्र नगर में से जिस की चर्चा इस पुस्तक में है, उसका भाग निकाल देगा॥