और उस ने उन से कहा; मैं तुम से सच कहता हूं, कि जो यहां खड़े हैं, उन में से कोई कोई ऐसे हैं, कि जब तक परमेश्वर के राज्य को सामर्थ सहित आता हुआ न देख लें, तब तक मृत्यु का स्वाद कदापि न चखेंगे॥
उस ने उन्हें उत्तर दिया कि एलिय्याह सचमुच पहिले आकर सब कुछ सुधारेगा, परन्तु मनुष्य के पुत्र के विषय में यह क्यों लिखा है, कि वह बहुत दुख उठाएगा, और तुच्छ गिना जाएगा?
जहां कहीं वह उसे पकड़ती है, वहीं पटक देती है: और वह मुंह में फेन भर लाता, और दांत पीसता, और सूखता जाता है: और मैं ने चेलों से कहा कि वे उसे निकाल दें परन्तु वह निकाल न सके।
जब यीशु ने देखा, कि लोग दौड़कर भीड़ लगा रहे हैं, तो उस ने अशुद्ध आत्मा को यह कहकर डांटा, कि हे गूंगी और बहिरी आत्मा, मैं तुझे आज्ञा देता हूं, उस में से निकल आ, और उस में फिर कभी प्रवेश न कर।
क्योंकि वह अपने चेलों को उपदेश देता और उन से कहता था, कि मनुष्य का पुत्र मनुष्यों के हाथ में पकड़वाया जाएगा, और वे उसे मार डालेंगे, और वह मरने के तीन दिन बाद जी उठेगा।
जो कोई मेरे नाम से ऐसे बालकों में से किसी एक को भी ग्रहण करता है, वह मुझे ग्रहण करता है; और जो कोई मुझे ग्रहण करता, वह मुझे नहीं, वरन मेरे भेजने वाले को ग्रहण करता है॥
तब यूहन्ना ने उस से कहा, हे गुरू हम ने एक मनुष्य को तेरे नाम से दुष्टात्माओं को निकालते देखा और हम उसे मना करने लगे, क्योंकि वह हमारे पीछे नहीं हो लेता था।
पर जो कोई इन छोटों में से जो मुझ पर विश्वास करते हैं, किसी को ठोकर खिलाए तो उसके लिये भला यह है कि एक बड़ी चक्की का पाट उसके गले में लटकाया जाए और वह समुद्र में डाल दिया जाए।
यदि तेरा हाथ तुझे ठोकर खिलाए तो उसे काट डाल टुण्डा होकर जीवन में प्रवेश करना, तेरे लिये इस से भला है कि दो हाथ रहते हुए नरक के बीच उस आग में डाला जाए जो कभी बुझने की नहीं।
और यदि तेरी आंख तुझे ठोकर खिलाए तो उसे निकाल डाल, काना होकर परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना तेरे लिये इस से भला है, कि दो आंख रहते हुए तू नरक में डाला जाए।