फिर बिलाम ने बालाक से कहा, तू अपने होमबलि के पास खड़ा रह, और मैं जाता हूं; सम्भव है कि यहोवा मुझ से भेंट करने को आए; और जो कुछ वह मुझ पर प्रकाश करेगा वही मैं तुझ को बताऊंगा। तब वह एक मुण्डे पहाड़ पर गया।
तब बिलाम ने अपनी गूढ़ बात आरम्भ की, और कहने लगा, बालाक ने मुझे आराम से, अर्थात मोआब के राजा ने मुझे पूरब के पहाड़ों से बुलवा भेजा: आ, मेरे लिये याकूब को शाप दे, आ, इस्त्राएल को धमकी दे!
चट्टानों की चोटी पर से वे मुझे दिखाई पड़ते हैं, पहाडिय़ों पर से मैं उन को देखता हूं; वह ऐसी जाति है जो अकेली बसी रहेगी, और अन्यजातियों से अलग गिनी जाएगी!
याकूब के धूलि के किनके को कौन गिन सकता है, वा इस्त्राएल की चौथाई की गिनती कौन ले सकता है? सौभाग्य यदि मेरी मृत्यु धर्मियों की सी, और मेरा अन्त भी उन्हीं के समान हो!
बालाक ने उससे कहा, मेरे संग दूसरे स्थान पर चल, जहां से वे तुझे दिखाई देंगे; तू उन सभों को तो नहीं, केवल बाहर वालों को देख सकेगा; वहां से उन्हें मेरे लिये शाप दे।
निश्चय कोई मंत्र याकूब पर नहीं चल सकता, और इस्त्राएल पर भावी कहना कोई अर्थ नहीं रखता; परन्तु याकूब और इस्त्राएल के विषय अब यह कहा जाएगा, कि ईश्वर ने क्या ही विचित्र काम किया है!