Indian Language Bible Word Collections
Lamentations 5:15
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Lamentations Chapters
Lamentations 5 Verses
1
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हे यहोवा, स्मरण कर कि हम पर क्या क्या बीता है; हमारी ओर दृष्टि कर के हमारी नामधराई को देख! |
2
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हमारा भाग परदेशियों का हो गया ओर हमारे घर परायों के हो गए हैं। |
3
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हम अनाथ और पिताहीन हो गए; हमारी माताएं विधवा सी हो गई हैं। |
4
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हम मोल ले कर पानी पीते हैं, हम को लकड़ी भी दाम से मिलती है। |
5
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खदेड़ने वाले हमारी गर्दन पर टूट पड़े हैं; हम थक गए हैं, हमें विश्राम नहीं मिलता। |
6
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हम स्वयं मिस्र के आधीन हो गए, और अश्शूर के भी, ताकि पेट भर सकें। |
7
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हमारे पुरखाओं ने पाप किया, ओर मर मिटे हैं; परन्तु उनके अधर्म के कामों का भार हम को उठाना पड़ा है। |
8
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हमारे ऊपर दास अधिकार रखते हैं; उनके हाथ से कोई हमें नहीं छुड़ाता। |
9
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जंगल में की तलवार के कारण हम अपने प्राण जोखिम में डाल कर भोजनवस्तु ले आते हैं। |
10
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भूख की झुलसाने वाली आग के कारण, हमारा चमड़ा तंदूर की नाईं काला हो गया है। |
11
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सिय्योन में स्त्रियां, और यहूदा के नगरों में कुमारियां भ्रष्ट की गई हैं। |
12
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हाकिम हाथ के बल टांगे गए हैं; और पुरनियों का कुछ भी आदर नहीं किया गया। |
13
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जवानों को चक्की चलानी पड़ती है; और लड़के-बाले लकड़ी का बोझ उठाते हुए लडखड़ाते हैं। |
14
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अब फाटक पर पुरनिये नहीं बैठते, न जवानों का गीत सुनाईं पड़ता है। |
15
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हमारे मन का हर्ष जाता रहा, हमारा नाचना विलाप में बदल गया है। |
16
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हमारे सिर पर का मुकुट गिर पड़ा है; हम पर हाय, क्योंकि हम ने पाप किया है! |
17
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इस कारण हमारा हृदय निर्बल हो गया है, इन्हीं बातों से हमारी आंखें धुंधली पड़ गई हैं, |
18
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क्योंकि सिय्योन पर्वत उजाड़ पड़ा है; उस में सियार घूमते हैं। |
19
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परन्तु हे यहोवा, तू तो सदा तक विराजमान रहेगा; तेरा राज्य पीढ़ी-पीढ़ी बना रहेगा। |
20
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तू ने क्यों हम को सदा के लिये भुला दिया है, और क्यों बहुत काल के लिये हमें छोड़ दिया है? |
21
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हे यहोवा, हम को अपनी ओर फेर, तब हम फिर सुधर जाएंगे। प्राचीनकाल की नाईं हमारे दिन बदल कर ज्यों के त्यों कर दे! |
22
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क्या तू ने हमें बिल्कुल त्याग दिया है? क्या तू हम से अत्यन्त क्रोधित है? |