और उनके बड़े लोग उनके छोटे लोगों को पानी के लिये भेजते हैं; वे गड़हों पर आकर पानी नहीं पाते इसलिये छूछे बर्तन लिए हुए घर लौट जाते हैं; वे लज्जित और निराश हो कर सिर ढांप लेते हैं।
हे यहोवा, हमारे अधर्म के काम हमारे विरुद्ध साक्षी दे रहे हैं, हम तेरा संग छोड़ कर बहुत दूर भटक गए हैं, और हम ने तेरे विरुद्ध पाप किया है; तौभी, तू अपने नाम के निमित्त कुछ कर।
हे इस्राएल के आधार, संकट के समय उसका बचाने वाला तू ही है, तू क्यों इस देश में परदेशी की नाईं है? तू क्यों उस बटोही के समान है जो रात भर रहने के लिये कहीं टिकता हो?
यहोवा ने इन लोगों के विषय यों कहा: इन को ऐसा भटकना अच्छा लगता है; ये कुकर्म में चलने से नहीं रुके; इसलिये यहोवा इन से प्रसन्न नहीं है, वह इनका अधर्म स्मरण करेगा और उनके पाप का दण्ड देगा।
चाहे वे उपवास भी करें, तौभी मैं इनकी दुहाई न सुनूंगा, और चाहे वे होमबलि और अन्नबलि चढ़ाएं, तौभी मैं उन से प्रसन्न न होऊंगा; मैं तलवार, महंगी और मरी के द्वारा इनका अन्त कर डालूंगा।
तब मैं ने कहा, हाय, प्रभु यहोवा, देख, भविष्यद्वक्ता इन से कहते हैं कि न तो तुम पर तलवार चलेगी और न महंगी होगी, यहोवा तुम को इस स्थान में सदा की शान्ति देगा।
और यहोवा ने मुझ से कहा, ये भविष्यद्वक्ता मेरा नाम ले कर झूठी भविष्यद्वाणी करते हैं, मैं ने उन को न तो भेजा और न कुछ आज्ञा दी और न उन से कोई भी बात कही। वे तुम लोगों से दर्शन का झूठा दावा कर के अपने ही मन से व्यर्थ और धोखे की भविष्यद्वाणी करते हैं।
इस कारण जो भविष्यद्वक्ता मेरे बिना भेजे मेरा नाम ले कर भविष्यद्वाणी करते हैं कि उस देश में न तो तलवार चलेगी और न महंगी होगी, उनके विषय यहोवा यों कहता है, कि, वे भविष्यद्वक्ता आप तलवार और महंगी के द्वारा नाश किए जाएंगे।
और जिन लोगों से वे भविष्यद्वाणी कहते हैं, वे महंगी और तलवार के द्वारा मर जाने पर इस प्रकार यरूशलेम की सड़कों में फेंक दिए जाएंगे, कि न तो उनका, न उनकी स्त्रियों का और न उनके बेटे-बेटियों का कोई मिट्टी देने वाला रहेगा। क्योंकि मैं उनकी बुराई उन्हीं के ऊपर उण्डेलूंगा।
यदि मैं मैदान में जाऊं, तो देखो, तलवार के मारे हुए पड़े हैं! और यदि मैं नगर के भीतर आऊं, तो देखो, भूख से अध्मूए पड़े हैं! क्योंकि भविष्यद्वक्ता और याजक देश में कमाई करते फिरते और समझ नहीं रखते हैं।
क्या तू ने यहूदा से बिलकुल हाथ उठा लिया? क्या तू सिय्योन से घिन करता है? नहीं, तू ने क्यों हम को ऐसा मारा है कि हम चंगे हो ही नहीं सकते? हम शान्ति की बाट जोहते रहे, तौभी कुछ कल्याण नहीं हुआ; और यद्यपि हम अच्छे हो जाने की आशा करते रहे, तौभी घबराना ही पड़ा है।
क्या अन्यजातियों की मूरतों में से कोई वर्षा कर सकता है? क्या आकाश झडिय़ां लगा सकता है? हे हमारे परमेश्वर यहोवा, क्या तू ही इन सब बातों का करने वाला नहीं है? हम तेरा ही आसरा देखते रहेंगे, क्योंकि इन सारी वस्तुओं का सृजनहार तू ही है।