Indian Language Bible Word Collections
Psalms 25:11
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Psalms 25 Verses
1
|
हे यहोवा, मैं स्वयं को तुझे समर्पित करता हूँ। |
2
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मेरे परमेश्वर, मेरा विश्वस तुझ पर है। मैं तुझसे निराश नहीं होऊँगा। मेरे शत्रु मेरी हँसी नहीं उड़ा पायेंगे। |
3
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ऐसा व्यक्ति, जो तुझमें विश्वास रखता है, वह निराश नहीं होगा। किन्तु विश्वासघाती निराश होंगे और, वे कभी भी कुछ नहीं प्राप्त करेंगे। |
4
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हे यहोवा, मेरी सहायता कर कि मैं तेरी राहों को सीखूँ। तू अपने मार्गों की मुझको शिक्षा दे। |
5
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अपनी सच्ची राह तू मुझको दिखा और उसका उपदेश मुझे दे। तू मेरा परमेश्वर मेरा उद्धारकर्ता है। मुझको हर दिन तेरा भरोसा है। |
6
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हे यहोवा, मुझ पर अपनी दया रख और उस ममता को मुझ पर प्रकट कर, जिसे तू हरदम रखता है। |
7
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अपने युवाकाल में जो पाप और कुकर्म मैंने किए, उनको याद मत रख। हे यहोवा, अपने निज नाम निमित, मुझको अपनी करुणा से याद कर। |
8
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यहोवा सचमुच उत्तम है, वह पापियों को जीवन का नेक राह सिखाता है। |
9
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वह दीनजनों को अपनी राहों की शिक्षा देता है। बिना पक्षपात के वह उनको मार्ग दर्शाता है। |
10
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यहोवा की राहें उन लोगों के लिए क्षमापूर्ण और सत्य है, जो उसके वाचा और प्रतिज्ञाओं का अनुसरण करते हैं। |
11
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हे यहोवा, मैंने बहुतेरे पाप किये हैं, किन्तु तूने अपनी दया प्रकट करने को, मेरे हर पाप को क्षमा कर दिया। |
12
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यदि कोई व्यक्ति यहोवा का अनुसरण करना चाहे, तो उसे परमेश्वर जीवन का उत्तम राह दिखाएगा। |
13
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वह व्यक्ति उत्तम वस्तुओं का सुख भोगेगा, और उस व्यक्ति की सन्ताने उस धरती की जिसे परमेश्वर ने वचन दिया था स्थायी रहेंगे। |
14
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यहोवा अपने भक्तों पर अपने भेद खोलता है। वह अपने निज भक्तों को अपने वाचा की शिक्षा देता है। |
15
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मेरी आँखें सहायता पाने को यहोवा पर सदा टिकी रहती हैं। मुझे मेरी विपति से वह सदा छुड़ाता है। |
16
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हे यहोवा, मैं पीड़ित और अकेला हूँ। मेरी ओर मुड़ और मुझ पर दया दिखा। |
17
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मेरी विपतियों से मुझको मुक्त कर। मेरी समस्या सुलझाने की सहायता कर। |
18
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हे योहवा, मुझे परख और मेरी विपत्तियों पर दृष्टि डाल। मुझको जो पाप मैंने किए हैं, उन सभी के लिए क्षमा कर। |
19
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जो भी मेरे शत्रु हैं, सभी को देख ले। मेरे शत्रु मुझसे बैर रखते हैं, और मुझ को दु:ख पहुँचाना चाहते हैं। |
20
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हे परमेश्वर, मेरी रक्षा कर और मुझको बचा ले। मैं तेरा भरोसा रखता हूँ। सो मुझे निराश मत कर। |
21
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हे परमेश्वर, तू सचमुच उत्तम है। मुझको तेरा भरोसा है, सो मेरी रक्षा कर। |
22
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हे परमेश्वर, इस्राएल के जनों की उनके सभी शत्रुओं से रक्षा कर। |