Indian Language Bible Word Collections
Psalms 118:6
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Psalms 118 Verses
1
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यहोवा का मान करो क्योंकि वह परमेश्वर है। उसका सच्चा प्रेम सदा ही अटल रहता है! |
2
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इस्राएल यह कहता है, “उसका सच्चा प्रेम सदा ही अटल रहता है!” |
3
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याजक ऐसा कहते हैं, “उसका सच्चा प्रेम सदा ही अटल रहता है!” |
4
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तुम लोग जो यहोवा की उपासना करते हो, कहा करते हो, “उसका सच्चा प्रेम सदा ही अटल रहता है!” |
5
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मैं संकट में था सो सहारा पाने को मैंने यहोवा को पुकारा। यहोवा ने मुझको उत्तर दिया और यहोवा ने मुझको मुक्त किया। |
6
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यहोवा मेरे साथ है सो मैं कभी नहीं डरूँगा। लोग मुझको हानि पहुँचाने कुछ नहीं कर सकते। |
7
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यहोवा मेरा सहायक है। मैं अपने शत्रुओं को पराजित देखूँगा। |
8
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मनुष्यों पर भरोसा रखने से यहोवा पर भरोसा रखना उत्तम है। |
9
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अपने मुखियाओं पर भरोसा रखने से यहोवा पर भरोसा रखना उत्तम है। |
10
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मुझको अनेक शत्रुओं ने घेर लिया है। यहोवा की शक्ति से मैंने अपने बैरियों को हरा दिया। |
11
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शत्रुओं ने मुझको फिर घेर लिया। यहोवा की शक्ति से मैंने उनको हराया। |
12
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शत्रुओं ने मुझे मधु मक्खियों के झुण्ड सा घेरा। किन्तु, वे एक शीघ्र जलती हुई झाड़ी के समान नष्ट हुआ। यहोवा की शक्ति से मैंने उनको हराया। |
13
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मेरे शत्रुओं ने मुझ पर प्रहार किया और मुझे लगभग बर्बाद कर दिया किन्तु यहोवा ने मुझको सहारा दिया। |
14
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यहोवा मेरी शक्ति और मेरा विजय गीत है। यहोवा मेरी रक्षा करता है। |
15
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सज्जनों के घर में जो विजय पर्व मन रहा तुम उसको सुन सकते हो। देखो, यहोवा ने अपनी महाशक्ति फिर दिखाई है। |
16
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यहोवा की भुजाये विजय में उठी हुई हैं। देखो यहोवा ने अपनी महाशक्ति फिर से दिखाई। |
17
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मैं जीवित रहूँगा, मैं मरूँगा नहीं, और जो कर्म यहोवा ने किये हैं, मैं उनका बखान करूँगा। |
18
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यहोवा ने मुझे दण्ड दिया किन्तु मरने नहीं दिया। |
19
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हे पुण्य के द्वारों तुम मेरे लिये खुल जाओ ताकि मैं भीतर आ पाऊँ और यहोवा की आराधना करूँ। |
20
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वे यहोवा के द्वार है। बस केवल सज्जन ही उन द्वारों से होकर जा सकते हैं। |
21
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हे यहोवा, मेरी विनती का उत्तर देने के लिये तेरा धन्यवाद। मेरी रक्षा के लिये मैं तुझे धन्यवाद देता हूँ। |
22
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जिसको राज मिस्रियों ने नकार दिया था वही पत्थर कोने का पत्थर बन गया। |
23
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यहोवा ने इसे घटित किया और हम तो सोचते हैं यह अद्भुत है! |
24
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यहोवा ने आज के दिन को बनाया है। आओ हम हर्ष का अनुभव करें और आज आनन्दित हो जाये! |
25
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लोग बोले, “यहोवा के गुण गाओ! यहोवा ने हमारी रक्षा की है! |
26
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उस सब का स्वागत करो जो यहोवा के नाम में आ रहे हैं।” याजकों ने उत्तर दिया, “यहोवा के घर में हम तुम्हारा स्वागत करते हैं! |
27
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यहोवा परमेश्वर है, और वह हमें अपनाता है। बलि के लिये मेमने को बाँधों और वेदी के कंगूरों पर मेमने को ले जाओ।” |
28
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हे यहोवा, तू हमारा परमेश्वर है, और मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ। मैं तेरे गुण गाता हूँ! |
29
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यहोवा की प्रशंसा करो क्योंकि वह उत्तम है। उसकी सत्य करूणा सदा बनी रहती है। |