(मत्ती 28:1-8; लूका 24:1-12; यूहन्ना 20:1-10) सब्त का दिन बीत जाने पर मरियम मगदलीनी, सलौमी और याकूब की माँ मरियम ने यीशु के शव का अभिषेक कर पाने के लिये सुगन्ध-सामग्री मोल ली।
फिर युवक ने उनसे कहा, “डरो मत, तुम जिस यीशु नासरी को ढूँढ रही हो, जिसे क्रूस पर चढ़ाया गया था, वह जी उठा है! वह यहाँ नहीं है। इस स्थान को देखो जहाँ उन्होंने उसे रखा था।
तब भय और अचरज मे डूबी वे कब्र से बाहर निकल कर भाग गयीं। उन्होंने किसी को कुछ नहीं बताया क्योंकि वे बहुत घबराई हुई थीं। [*कुछ यूनानी प्रतियों में मरकुस की पुस्तक यहाँ समाप्त हो जाती है। बाद की कुछ प्रतियों में “लेकिन वे जल्दी से पतरस और जो उनके साथ थे सभी को हिदायत दे दी। उसके बाद यीशु खुद से उन लोगों को बाहर पूरब व पश्चिम की ओर इस पवित्र संदेश — लोगों को सदा सदा के लिए बचाया जा सकता है।”]
(मत्ती 28:9-10; यूहन्ना 20:11-18; लूका 24:13-35) सप्ताह के पहले दिन प्रभात में जी उठने के बाद वह सबसे पहले मरियम मगदलीनी के सामने प्रकट हुआ जिसे उसने सात दुष्टात्माओं से छुटकारा दिलाया था।
(मत्ती 28:16-20; लूका 24:36-49; यूहन्ना 20:19-23; प्रेरितों के काम 1:6-8) बाद में, जब उसके ग्यारहों शिष्य भोजन कर रहे थे, वह उनके सामने प्रकट हुआ और उसने उन्हें उनके अविश्वास और मन की जड़ता के लिए डाँटा फटकारा क्योंकि इन्होंने उनका विश्वास ही नहीं किया था जिन्होंने जी उठने के बाद उसे देखा था।