Indian Language Bible Word Collections
Job 11:20
Job Chapters
Job 11 Verses
Books
Old Testament
New Testament
Bible Versions
English
Tamil
Hebrew
Greek
Malayalam
Hindi
Telugu
Kannada
Gujarati
Punjabi
Urdu
Bengali
Oriya
Marathi
Assamese
Books
Old Testament
New Testament
Job Chapters
Job 11 Verses
1
इस पर नामात नामक प्रदेश के सोपर ने अय्यूब को उत्तर देते हुये कहा,
2
“इस शब्दों के प्रवाह का उत्तर देना चाहिये। क्या यह सब कहना अय्यूब को निर्दोंष ठहराता है नहीं!
3
अय्यूब, क्या तुम सोचते हो कि हमारे पास तुम्हारे लिये उत्तर नहीं है क्या तुम सोचते हो कि जब तुम परमेश्वर पर हंसते हो तो कोई तुम्हें चेतावनी नहीं देगा।
4
अय्यूब, तुम परमेश्वर से कहते रहे कि, ‘मेरा विश्वास सत्य है और तू देख सकता है कि मैं निष्कलंक हूँ!’
5
अय्यूब, मेरी ये इच्छा है कि परमेश्वर तुझे उत्तर दे, यह बताते हुए कि तू दोषपूर्ण है!
6
काश! परमेश्वर तुझे बुद्धि के छिपे रहस्य बताता और वह सचमुच तुझे उनको बतायेगा! हर कहानी के दो पक्ष होते हैं, अय्यूब, मेरी सुन परमेश्वर तुझे कम दण्डित कर रहा है, अपेक्षाकृत जितना उसे सचमुच तुझे दण्डित करना चाहिये।
7
“अय्यूब, क्या तुम सर्वशक्तिमान परमेश्वर के रहस्यपूर्ण सत्य समझ सकते हो क्या तुम उसके विवेक की सीमा मर्यादा समझ सकते हो
8
उसकी सीमायें आकाश से ऊँची है, इसलिये तुम नहीं समझ सकते हो! सीमायें नर्क की गहराईयों से गहरी है, सो तू उनको समझ नहीं सकता है!
9
वे सीमायें धरती से व्यापक हैं, और सागर से विस्तृत हैं।
10
“यदि परमेश्वर तुझे बंदी बनाये और तुझको न्यायालय में ले जाये, तो कोई भी व्यक्ति उसे रोक नहीं सकता है।
11
परमेश्वर सचमुच जानता है कि कौन पाखण्डी है। परमेश्वर जब बुराई को देखता है, तो उसे याद रखता है।
12
किन्तु कोई मूढ़ जन कभी बुद्धिमान नहीं होगा, जैसे बनैला गधा कभी मनुष्य को जन्म नहीं दे सकता है।
13
सो अय्यूब, तुझको अपना मन तैयार करना चाहिये, परमेश्वर की सेवा करने के लिये। तुझे अपने निज हाथों को प्रार्थना करने को ऊपर उठाना चाहिये।
14
वह पाप जो तेरे हाथों में बसा है, उसको तू दूर कर। अपने तम्बू में बुराई को मत रहने दे।
15
तभी तू निश्चय ही बिना किसी लज्जा के आँख ऊपर उठा कर परमेश्वर को देख सकता है। तू दृढ़ता से खड़ा रहेगा और नहीं डरेगा।
16
अय्यूब, तब तू अपनी विपदा को भूल पायेगा। तू अपने दुखड़ो को बस उस पानी सा याद करेगा जो तेरे पास से बह कर चला गया।
17
तेरा जीवन दोपहर के सूरज से भी अधिक उज्जवल होगा। जीवन की अँधेरी घड़ियाँ ऐसे चमकेगी जैसे सुबह का सूरज।
18
अय्यूब, तू सुरक्षित अनुभव करेगा क्योंकि वहाँ आशा होगी। परमेश्वर तेरी रखवाली करेगा और तुझे आराम देगा।
19
चैन से तू सोयेगा, कोई तुझे नहीं डरायेगा और बहुत से लोग तुझ से सहायता माँगेंगे!
20
किन्तु जब बुरे लोग आसरा ढूढेंगे तब उनको नहीं मिलेगा। उनके पास कोई आस नहीं होगी। वे अपनी विपत्तियों से बच कर निकल नहीं पायेंगे। मृत्यु ही उनकी आशा मात्र होगी।”