ऋण को तुम्हें इस प्रकार खत्म करना चाहिएः हर एक व्यक्ति जिसने किसी इस्राएली को ऋण दिया है अपना ऋण खत्म कर दे। उसे अपने भाई(इस्राएली) से ऋण लौटाने को नहीं कहना चाहिए। क्यों? क्योंकि यहोवा ने कहा है कि उस वर्ष ऋण खत्म कर दिये जाते हैं।
किन्तु तुम्हारे बीच कोई गरीब व्यक्ति नहीं रहना चाहिए। क्यों? क्योंकि यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुहें सभी चीजों का वरदान उस देश में देगा जिसे वह तुम्हें रहने को दे रहा है।
यही होगा, यदि तुम यहोवा अपने परमेश्वर की आज्ञा का पालन पूरी तरह करोगे। तुम्हें उस हर एक आदेश का पालन करने में सावधान रहना चाहिए जिसे आज मैंने तुम्हें दिया है।
यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हें आशीर्वाद देगा, जैसा कि उसने वचन दिया है और तुम्हारे पास बहुत से राष्ट्रों को ऋण देने के लिए पर्याप्त धन होगा। किन्तु तुम्हें किसी से ऋण लेने की आवश्यकता नहीं होगी। तुम बहुत से राष्ट्रों पर शासन करोगे। किन्तु उन राष्ट्रों में से कोई राष्ट्र तुम पर शासन नहीं करेगा।
“जब तुम उस देश में रहोगे जिसे यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हें दे रहा है तब तुम्हारे लोगों में कोई भी गरीब हो सकता है। तुम्हें स्वार्थी नहीं होना चाहिए। तुम्हें उस गरीब व्यक्ति को सहायता देने से इन्कार नहीं करना चाहिए।
“किसी को सहायता देने से इसलिए इन्कार न करो, क्योंकि ऋण को खत्म करने का सातवाँ वर्ष समीप है। इस प्रकार का बुरा विचार अपने मन में न अने दो। तुम्हें उस व्यक्ति के प्रति बुरे विचार नहीं रखने चाहिए जिसे सहायता की आवश्यकता है। तुम्हें उसकी सहायता करने से इन्कार नहीं करना चाहिए। यदि तुम उस गरीब व्यक्ति को कुछ नहीं देते तो वह यहोवा से तुम्हारे विरुद्ध शिकायत करेगा और यहोवा तुम्हें पाप करने का उत्तरदायी पाएगा।
“गरीब को तुम जितना दे सको, दो और उसे देने का बुरा न मानो। क्यों? क्योंकि यहोवा तुम्हारा परम्मेश्वर इस अच्छे काम के लिए तुम्हें आशीष देगा। वह तुम्हारे सभी कामों और जो कुछ तुम करोगे उसमें तुम्हारी सहायता करेगा।
देश मं सदा गरीब लोग भी होंगे। यही कारण है कि मैं तुम्हें आदेश देता हूँ कि तुम अपने लोगों, जो लोग तुम्हारे देश में गरीब और सहायता चाहते हैं, उन को सहायता देने के लिए दैयार रहो।
“यदि तुम्हारे लोगों में से कोई, हिब्रू स्त्री व पुरुष, तुम्हारे हाथ बेचा जाए तो उस व्यक्ति को तुम्हारी सेवा छः वर्ष करनी चाहिए। तब सातवें वर्ष तुम्हें उसे अपने से स्वतन्त्र कर देना चाहीए।
तुम्हें उस व्यक्ति को अपने रेवड़ों का एक बड़ा भाग, खलिहान से एक बड़ा भाग और दाखमधु से एक बड़ा भाग देना चाहिए। यहोवा तुम्हारे परमेश्वर ने तुम्हें बहुत अच्छी चीज़ों की प्राप्ति का आशीर्वाद दिया है। उसी तरह तुम्हें भी अपने दास को बहुत सारी अच्छी चीज़ें देनी चाहिए।
“किन्तु तुम्हारे दासों में से कोई कह सकता है, ‘मैं आपको नहीं छोडूँगा।’ वह ऐसा इसलिए कह सकता है कि वह तुमसे, तुम्हारे परिवार से प्रेम करता है और उसने तुम्हारे साथ अच्छा जीवन बिताया है।
इस सेवक को अपने द्वार से कान लगाने दो और एक सूए [*सूए एक औजार जो बड़ी सूई की तरह होता है और एक सिरे पर मूठी होती है।] का उपयोग उसके कान में छेद करने के लिए करो। तब वह सदा के लिए तुम्हारा दास हो जाएगा। तुम दासियों के लिए भी यही करो जो तुम्हारे यहाँ रहना चाहती हैं।
“तुम अपने दास को मुक्त करते समय दुःख का अनुभव मत करो। याद रखो, छः वर्ष तक तुम्हारी सेवा, उससे आधी रकम पर उसने की जितनी मजदूरी पर रखे गए व्यक्ति को देनी पड़ती है। यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम जो करोगे उसके लिए आशीष देगा।
“तुम अपने झुण्ड या रेवड़ में सभी पहलौठे बच्चों को यहोवा का विशेष जानवर बना देना। उनमें से किसी जानवर का उपयोग तुम अपने काम के लिए न करो। इन भेड़ों में से किसी का ऊन न काटो।
हर वर्ष मवेशियों के झुण्ड या रेवड़ मे पहलौठे जानवर के लेकर उस स्थान पर आओ जिसे यहोवा तुम्हारा परमेश्वर चुने। वहाँ तुम और तुम्हारे परिवार के लोग उन जानवरों को खायेंगे।
किन्तु तुम उसका माँस वहाँ खा सकते हो जहाँ तुम रहते हो। इसे कोई व्यक्ति खा सकता है, चाहे वह पवित्र हो चाहे अपवित्र हो। नीलगाय या हिरन का माँस खाने पर वही नियम लागू होगा, जो इस माँस पर लागू होता है।