शमूएल को लगा कि उसे एली बुला रहा है। इसलिए शमूएल दौड़कर एली के पास गया। शमूएल ने एली से कहा, “मैं यहाँ हूँ। आपने मुझे बुलाया।” किन्तु एली ने कहा, “मैंने तुम्हें नहीं बुलाया। अपने बिस्तर में जाओ।” शमूएल अपने बिस्तर पर लौट गया।
यहोवा ने फिर बुलाया, “शमूएल!” शमूएल फिर दौड़कर एली के पास गया। शमूएल ने कहा, “मैं यहाँ हूँ। आपने मुझे बुलाय।” एली ने कहा, “मैंने तुम्हें नहीं बुलाया अपने बिस्तर में जाओ।”
यहोवा ने शमूएल को तीसरी बार बुलाया। शमूएल फिर उठा और एली के पास गया। शमूएल ने कहा, “मैं आ गया। आपने मुझे बुलाया।” तब एली ने समझा कि यहोवा लड़के को बुला रहा है।
एली ने शमूएल से कहा, “बिस्तर में जाओ। यदि वह तुम्हें फिर बुलाता है तो कहो, ‘यहोवा बोल! मैं तेरा सेवक हूँ और सुन रहा हूँ।’ ” सो शमूएल बिस्तर में चला गया।
मैंने एली से कहा है कि मैं उसके परिवार को सदा के लिये दण्ड दूँगा। मैं यह इसलिए करूँगा कि एली जानता है किसके पुत्रों ने परमेश्वर के विरुद्ध बुरा कहा है, और किया है, और एली उन पर नियन्त्रन करने में असफल रहा है।
एली ने पूछा, “यहोवा ने तुनसे क्या कहा? उसे मुझसे मत छिपाओ। परमेश्वर तुम्हें दण्ड देगा, यदि परमेश्वर ने जो सन्देश तुमको दिया है उसमें से कुछ भी छिपाओगे।”
शीलो में यहोवा शमूएल के सामने प्रकट होता रहा। यहोवा ने शमूएल के आगे अपने आपको वचन [*वचन कभी–कभी यहोवा के वचन का अर्थ परमेश्वर का संदेश भी होता है। किन्तु कभी–कभी उसका अर्थ यह भी होता है कि यह परमेश्वर का एक विशेष प्रकार या रुप होता है जिसे वह उस समय काम में लाता है जब वह अपने नबियों के साथ बात करता है।] के द्वारा प्रकट किया।