Indian Language Bible Word Collections
Job 40:14
Job Chapters
Job 40 Verses
Books
Old Testament
New Testament
Bible Versions
English
Tamil
Hebrew
Greek
Malayalam
Hindi
Telugu
Kannada
Gujarati
Punjabi
Urdu
Bengali
Oriya
Marathi
Assamese
Books
Old Testament
New Testament
Job Chapters
Job 40 Verses
1
|
फिर यहोवा ने अय्यूब से यह भी कहा: |
2
|
क्या जो बकवास करता है वह सर्वशक्तिमान से झगड़ा करे? जो ईश्वर से विवाद करता है वह इसका उत्तर दे। |
3
|
तब अय्यूब ने यहोवा को उत्तर दिया: |
4
|
देख, मैं तो तुच्छ हूँ, मैं तुझे क्या उत्तर दूं? मैं अपनी अंगुली दांत तले दबाता हूँ। |
5
|
एक बार तो मैं कह चुका, परन्तु और कुछ न कहूंगा: हां दो बार भी मैं कह चुका, परन्तु अब कुछ और आगे न बढ़ूंगा। |
6
|
तब यहोवा ने अय्यूब को आँधी में से यह उत्तर दिया: |
7
|
पुरुष की नाईं अपनी कमर बान्ध ले, मैं तुझ से प्रश्न करता हूँ, और तू मुझे बता। |
8
|
क्या तू मेरा न्याय भी व्यर्थ ठहराएगा? क्या तू आप निर्दोष ठहरने की मनसा से मुझ को दोषी ठहराएगा? |
9
|
क्या तेरा बाहुबल ईश्वर के तुल्य है? क्या तू उसके समान शब्द से गरज सकता है? |
10
|
अब अपने को महिमा और प्रताप से संवार और ऐश्वर्य्य और तेज के वस्त्र पहिन ले। |
11
|
अपने अति क्रोध की बाढ़ को बहा दे, और एक एक घमण्डी को देखते ही उसे नीचा कर। |
12
|
हर एक घमण्डी को देख कर झुका दे, और दुष्ट लोगों को जहां खड़े हों वहां से गिरा दे। |
13
|
उन को एक संग मिट्टी में मिला दे, और उस गुप्त स्थान में उनके मुंह बान्ध दे। |
14
|
तब मैं भी तेरे विषय में मान लूंगा, कि तेरा ही दहिना हाथ तेरा उद्धार कर सकता है। |
15
|
उस जलगज को देख, जिस को मैं ने तेरे साथ बनाया है, वह बैल की नाईं घास खाता है। |
16
|
देख उसकी कटि में बल है, और उसके पेट के पट्ठों में उसकी सामर्थ्य रहती है। |
17
|
वह अपनी पूंछ को देवदार की नाईं हिलाता है; उसकी जांघों की नसें एक दूसरे से मिली हुई हैं। |
18
|
उसकी हड्डियां मानो पीतल की नलियां हैं, उसकी पसुलियां मानो लोहे के बेंड़े हैं। |
19
|
वह ईश्वर का मुख्य कार्य है; जो उसका सिरजनहार हो उसके निकट तलवार ले कर आए! |
20
|
निश्चय पहाड़ों पर उसका चारा मिलता है, जहां और सब वनपशु कालोल करते हैं। |
21
|
वह छतनार वृक्षों के तले नरकटों की आड़ में और कीच पर लेटा करता है |
22
|
छतनार वृक्ष उस पर छाया करते हैं, वह नाले के बेंत के वृक्षों से घिरा रहता है। |
23
|
चाहे नदी की बाढ़ भी हो तौभी वह न घबराएगा, चाहे यरदन भी बढ़ कर उसके मुंह तक आए परन्तु वह निर्भय रहेगा। |
24
|
जब वह चौकस हो तब क्या कोई उसको पकड़ सकेगा, वा फन्दे लगा कर उसको नाथ सकेगा? |