तब एप्रैमी पुरूष इकट्ठे हो कर सापोन को जा कर यिप्तह से कहने लगे, कि जब तू अम्मोनियों से लड़ने को गया तब हमें संग चलने को क्यों नहीं बुलवाया? हम तेरा घर तुझ समेत जला देंगे।
तब यह देखकर कि तुम मुझे नहीं बचाते मैं अपने प्राणों को हथेली पर रखकर अम्मोनियों के विरुद्ध चला, और यहोवा ने उन को मेरे हाथ में कर दिया; फिर तुम अब मुझ से लड़ने को क्यों चढ़ आए हो?
तब यिप्तह गिलाद के सब पुरूषों को इकट्ठा करके एप्रैम से लड़ा और एप्रैम जो कहता था, कि हे गिलादियो, तुम तो एप्रैम और मनश्शे के बीच रहने वाले एप्रैमियों के भगोड़े हो, और गिलादियों ने उन को मार लिया।
और गिलादियों ने यरदन का घाट उन से पहिले अपने वश में कर लिया। और जब कोई एप्रैमी भगोड़ा कहता, कि मुझे पार जाने दो, तब गिलाद के पुरूष उस से पूछते थे, क्या तू एप्रैमी है? और यदि वह कहता नहीं,
तो वह उस से कहते, अच्छा, शिब्बोलेत कह, और वह कहता सिब्बोलेत, क्योंकि उस से वह ठीक बोला नहीं जाता था; तब वे उसको पकड़ कर यरदन के घाट पर मार डालते थे। इस प्रकार उस समय बयालीस हजार एप्रैमी मारे गए॥
और उसके तीस बेटे हुए; और उसने अपनी तीस बेटियां बाहर ब्याह दीं, और बाहर से अपने बेटों का ब्याह करके तीस बहू ले आया। और वह इस्राएल का न्याय सात वर्ष तक करता रहा।