English Bible Languages

Indian Language Bible Word Collections

Bible Versions

English

Tamil

Hebrew

Greek

Malayalam

Hindi

Telugu

Kannada

Gujarati

Punjabi

Urdu

Bengali

Oriya

Marathi

Assamese

Books

2 Kings Chapters

2 Kings 9 Verses

1 तब एलीशा भविष्यद्वक्ता ने भविष्यद्वक्ताओं के चेलों में से एक को बुला कर उस से कहा, कमर बान्ध, और हाथ में तेल की यह कुप्पी ले कर गिलाद के रामोत को जा।
2 और वहां पहूंचकर येहू को जो यहोशापात का पुत्र और निमशी का पोता है, ढूंढ़ लेना; तब भीतर जा, उसकी खड़ा करा कर उसके भइयों से अलग एक भीतरी कोठरी में ले जाना।
3 तब तेल की यह कुप्पी ले कर तेल को उसके सिर पर यह कह कर डालना, यहोवा यों कहता है, कि मैं इस्राएल का राजा होने के लिये तेरा अभिषेक कर देता हूँ। तब द्वार खोल कर भागना, विलम्ब न करना।
4 तब वह जवान भविष्यद्वक्ता गिलाद के रामोत को गया।
5 वहां पहुंचकर उसने क्या देखा, कि सेनापति बैठे हए हैं; तब उसने कहा, हे सेनापति, मुझे तुझ से कुछ कहना है। येहू ने पूछा, हम सभों में किस से? उसने कहा हे सेनापति, तुझी से!
6 तब वह उठ कर घर में गया; और उसने यह कह कर उसके सिर पर तेल डाला कि इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यों कहता है, मैं अपनी प्रजा इस्राएल पर राजा होने के लिये तेरा अभिषेक कर देता हूँ।
7 तो तू अपने स्वामी अहाब के घराने को मार डालना, जिस से मुझे अपने दास भविष्यद्वक्ताओं के वरन अपने सब दासों के खून का जो ईज़ेबेल ने बहाया, पलटा मिले।
8 क्योंकि अहाब का समस्त घराना नाश हो जाएगा, और मैं अहाब के वंश के हर एक लड़के को और इस्राएल में के क्या बन्धुए, क्या स्वाधीन, हर एक को नाश कर डालूंगा।
9 और मैं अहाब का घराना नबात के पुत्र यारोबाम का सा, और अहिय्याह के पुत्र बाशा का सा कर दूंगा।
10 और ईज़ेबेल को यिज्रैल की भूमि में कुत्ते खाएंगे, और उसको मिट्टी देने वाला कोई न होगा। तब वह द्वार खोल कर भाग गया।
11 तब येहू अपने स्वामी के कर्मचारियों के पास निकल आया, और एक ने उस से पूछा, क्या कुशल है, वह बावला क्यों तेरे पास आया था? उसने उन से कहा, तुम को मालूम होगा कि वह कौन है और उस से क्या बातचीत हुई।
12 उन्होंने कहा झूठ है, हमें बता दे। उसने कहा, उसने मुझ से कहा तो बहुत, परन्तु मतलब यह है कि यहोवा यों कहता है कि मैं इस्राएल का राजा होने के लिये तेरा अभिषेक कर देता हूँ।
13 तब उन्होंने झट अपना अपना वस्त्र उतार कर उसके नीचे सीढ़ी ही पर बिछाया, और नरसिंगे फूंक कर कहने लगे, येहू राजा है।
14 यों येहू जो निमशी का पोता और यहोशापात का पुत्र था, उसने योराम से राजद्रोह की गोष्ठी की। ( योराम तो सब इस्राएल समेत अराम के राजा हजाएल के कराण गिलाद के रामोत की रक्षा कर रहा था;
15 परन्तु राजा योराम आप अपने घाव का जो अराम के राजा हजाएल से युद्ध करने के समय उसको अरामियों से लगे थे, उनका इलाज कराने के लिये यिज्रैल को लौठ गया था। ) तब येहू ने कहा, यदि तुम्हारा ऐसा मन हो, तो इस नगर में से कोई निकल कर यिज्रैल में सुनाने को न जाने पाए।
16 तब येहू रथ पर चढ़कर, यिज्रैल को चला जहां योराम पड़ा हुआ था; और यहूदा का राजा अहज्याह योराम के देखने को वहां आया था।
17 यिज्रैल के गुम्मट पर, जो पहरुआ खड़ा था, उसने येहू के संग आते हुए दल को देख कर कहा, मुझे एक दल दीखता है; योराम ने कहा, एक सवार को बुला कर उन लोगों से मिलने को भेज और वह उन से पूछे, क्या कुशल है?
18 तब एक सवार उस से मिलने को गया, और उस से कहा, राजा पूछता है, क्या कुशल है? येहू ने कहा, कुशल से तेरा क्या काम? हट कर मेरे पीछे चल। तब पहरुए ने कहा, वह दूत उनके पास पहुंचा तो था, परन्तु लौट कर नहीं आया।
19 तब उसने दूसरा सवार भेजा, और उसने उनके पास पहुंच कर कहा, राजा पूछता है, क्या कुशल है? येहू ने कहा, कुशल से तेरा क्या काम? हट कर मेरे पीछे चल।
20 तब पहरुए ने कहा, वह भी उनके पास पहुंचा तो था, परन्तु लौट कर नहीं आया। हांकना निमशी के पोते येहू का सा है; वह तो बौड़हे की नाईं हांकता है।
21 योराम ने कहा, मेरा रथ जुतवा। जब उसका रथ जुत गया, तब इस्राएल का राजा योराम और यहूदा का राजा अहज्याह, दोनों अपने अपने रथ पर चढ़ कर निकल गए, और येहू से मिलने को बाहर जा कर यिज्रैल नाबोत की भूमि में उस से भेंट की।
22 येहू को देखते ही योराम ने पूछा, हे येहू क्या कुशल है? येहू ने उत्तर दिया, जब तक तेरी माता ईज़ेबेल छिनालपन और टोना करती रहे, तब तक कुशल कहां?
23 तब योराम रास फेर के, और अहज्याह से यह कहकर कि हे अहज्याह विश्वासघात है, भाग चल।
24 तब येहू ने धनुष को कान तक खींच कर योराम के पखौड़ों के बीच ऐसा तीर मारा, कि वह उसका हृदय फोड़ कर निकल गया, और वह अपने रथ में झुक कर गिर पड़ा।
25 तब येहू ने बिदकर नाम अपने एक सरदार से कहा, उसे उठा कर यिज्रैली नाबोत की भूमि में फेंक दे; स्मरण तो कर, कि जब मैं और तू, हम दोनों एक संग सवार हो कर उसके पिता अहाब के पीछे पीछे चल रहे थे तब यहोवा ने उस से यह भरी वचन कहवाया था, कि यहोवा की यह वाणी है,
26 कि नाबोत और उसके पुत्रों का जो खून हुआ, उसे मैं ने देखा है, और यहोवा की यह वाणी है, कि मैं उसी भूमि में तुझे बदला दूंगा। तो अब यहोवा के उस वचन के अनुसार इसे उठा कर उसी भूमि में फेंक दे।
27 यह देखकर यहूदा का राजा अहज्याह बारी के भवन के मार्ग से भाग चला। और येहू ने उसका पीछा कर के कहा, उसे भी रथ ही पर मारो; तो वह भी यिबलाम के पास की गूर की चढ़ाई पर मारा गया, और मगिद्दो तक भाग कर मर गया।
28 तब उसके कर्मचारियों ने उसे रथ पर यरूशलेम को पहुंचा कर दाऊदपुर में उसके पुरखाओं के बीच मिट्टी दी।
29 अहज्याह तो अहाब के पुत्र योराम के ग्यारहवें वर्ष में यहूदा पर राज्य करने लगा था।
30 जब येहू यिज्रैल को आया, तब ईज़ेबेल यह सुन अपनी आंखों में सुर्मा लगा, अपना सिर संवार कर, खिड़की में से झांकने लगी।
31 जब येहू फाटक में हो कर आ रहा था तब उसने कहा, हे अपने स्वामी के घात करने वाले जिम्री, क्या कुशल है?
32 तब उसने खिड़की की ओर मुंह उठा कर पूछा, मेरी ओर कौन है? कौन? इस पर दो तीन खोजों ने उसकी ओर झांका।
33 तब उसने कहा, उसे नीचे गिरा दो। सो उन्होंने उसको नीचे गिरा दिया, और उसके लोहू के कुछ छींटे भीत पर और कुछ घोड़ों पर पड़े, और उन्होंने उसको पांव से लताड़ दिया।
34 तब वह भीतर जा कर खाने पीने लगा; और कहा, जाओ उस श्रापित स्त्री को देख लो, और उसे मिट्टी दो; वह तो राजा की बेटी है।
35 जब वे उसे मिट्टी देने गए, तब उसकी खोपड़ी पांवों और हथेलियों को छोड़ कर उसका और कुछ न पाया।
36 सो उन्होंने लौट कर उस से कह दिया; तब उसने कहा, यह यहोवा का वह वचन है, जो उसने अपने दास तिशबी एलिय्याह से कहलवाया था, कि ईज़ेबेल का मांस यिज्रैल की भूमि में कुत्तों से खाया जाएगा।
37 और ईज़ेबेल की लोथ यिज्रैल की भूमि पर खाद की नाईं पड़ी रहेगी, यहां तक कि कोई न कहेगा, यह ईज़ेबेल है।
×

Alert

×