मुझ को उनके पास से आगे बढ़े थोड़े ही देर हुई थी कि मेरा प्राणप्रिय मुझे मिल गया। मैं ने उसको पकड़ लिया, और उसको जाने न दिया जब तक उसे अपनी मात के घर अर्थात अपनी जननी की कोठरी में न ले आई॥
उसने उसके खम्भे चान्दी के, उसका सिरहाना सोने का, और गद्दी अर्गवानी रंग की बनवाई हे; और उसके बीच का स्थान यरूशलेम की पुत्रियों की ओर से बड़े प्रेम से जड़ा गया है।
हे सिय्योन की पुत्रियों निकल कर सुलैमान राजा पर दृष्टि डालो, देखो, वह वही मुकुट पहिने हुए है जिसे उसकी माता ने उसके विवाह के दिन और उसके मन के आनन्द के दिन, उसके सिर पर रखा था॥