तब एल्याशीब महायाजक ने अपने भाई याजकों समेत कमर बान्धकर भेड़फाटक को बनाया। उन्होंने उसकी प्रतिष्ठा की, और उसके पल्लों को भी लगाया; और हम्मेआ नाम गुम्मट तक वरन हननेल के गुम्मट के पास तक उन्होंने शहरपनाह की प्रतिष्ठा की।
और उन से आगे मरेमोत ने जो हक्कोस का पोता और ऊरियाह का पुत्र था, मरम्मत की। और इन से आगे मशुल्लाम ने जो मशेजबेल का पोता, और बरेक्याह का पुत्र था, मरम्मत की। और इस से आगे बाना के पुत्र सादोक ने मरम्मत की।
उन से आगे हर्हयाह के पुत्र उजीएल ने और और सुनारों ने मरम्मत की। और इस से आगे हनन्याह ने, जो गन्धियों के समाज का था, मरम्मत की; और उन्होंने चौड़ी शहरपनाह तक यरूशलेम को दृढ़ किया।
तराई के फाटक की मरम्मत हानून और जानोह के निवासियों ने की; उन्होंने उसको बनाया, और उसके ताले, बेंड़े और पल्ले लगाए, और हजार हाथ की शहरपनाह को भी अर्थात कूड़ाफाटक तक बनाया।
और सोताफाटक की मरम्मत कोल्होजे के पुत्र शल्लूम ने की, जो मिस्पा के जिले का हाकिम था; उसी ने उसको बनाया और पाटा, और उसके ताले, बेंड़े और पल्ले लगाए; और उसी ने राजा की बारी के पास के शेलह नाम कुणड की शहरपनाह को भी दाऊदपुर से उतरने वाली सीढ़ी तक बनाया।
उसके बाद अजबूक के पुत्र नहेमायाह ने जो बेतसूर के आधे जिले का हाकिम था, दाऊद के कब्रिस्तान के साम्हने तक और बनाए हुए पोखरे तक, वरन वीरों के घर तक भी मरम्मत की।
उनके बाद बिन्यामीन और हश्शूब ने अपने घर के साम्हने मरम्मत की; और इनके पीछे अजर्याह ने जो मासेयाह का पुत्र और अनन्याह का पोता था अपने घर के पास मरम्मत की।
फिर उसी मोड़ के साम्हने जो ऊंचा गुम्मट राजभवन से बाहर निकला हुआ बन्दीगृह के आंगन के पास है, उसके साम्हने ऊजै के पुत्र पालाल ने मरम्मत की। इसके बाद परोश के पुत्र पदायाह ने मरम्मत की।
इसके बाद शेलेम्याह के पुत्र हनन्याह और सालाप के छठवें पुत्र हानून ने एक और भाग की मरम्मत की। तब बेरेक्याह के पुत्र मशुल्लाम ने अपनी कोठरी के साम्हने मरम्मत की।