और जब आग गिरी और यहोवा का तेज भवन पर छा गया, तब सब इस्राएली देखते रहे, और फर्श पर झुक कर अपना अपना मुंह भूमि की ओर किए हुए दण्डवत किया, और यों कह कर यहोवा का धन्यवाद किया कि, वह भला है, उसकी करुणा सदा की है।
और याजक अपना अपना कार्य करने को खड़े रहे, और लेवीय भी यहोवा के गीत के गाने के लिये बाजे लिये हुए खड़े थे, जिन्हें दाऊद राजा ने यहोवा की सदा की करुणा के कारण उसका धन्यवाद करने को बनाकर उनके द्वारा स्तुति कराई थी; और इनके साम्हने याजक लोग तुरहियां बजाते रहे; और सब इस्राएली खड़े रहे।
फिर सुलैमान ने यहोवा के भवन के साम्हने आंगन के बीच एक स्थान पवित्र कर के होमबलि और मेलबलियों की चर्बी वहीं चढ़ाई, क्योंकि सुलैमान की बनाईं हुई पीतल की वेदी होमबलि और अन्नबलि और चर्बी के लिये छोटी थी।
निदान सातवें महीने के तेइसवें दिन को उसने प्रजा के लोगों को विदा किया, कि वे अपने अपने डेरे को जाएं, और वे उस भलाई के कारण जो यहोवा ने दाऊद और सुलैमान और अपनी प्रजा इस्राएल पर की थी आनन्दित थे।
तब यदि मेरी प्रजा के लोग जो मेरे कहलाते हैं, दीन हो कर प्रार्थना करें और मेरे दर्शन के खोजी हो कर अपनी बुरी चाल से फिरें, तो मैं स्वर्ग में से सुन कर उनका पाप क्षमा करूंगा और उनके देश को ज्यों का त्यों कर दूंगा।
तो मैं उन को अपने देश में से जो मैं ने उन को दिया है, जड़ से उखाडूंगा; और इस भवन को जो मैं ने अपने नाम के लिये पवित्र किया है, अपनी दृष्टि से दूर करूंगा; और ऐसा करूंगा कि देश देश के लोगों के बीच उसकी उपमा और नामधराई चलेगी।
तब लोग कहेंगे, कि उन लोगों ने अपने पितरों के परमेश्वर यहोवा को जो उन को मिस्र देश से निकाल लाया था, त्याग कर पराये देवताओं को ग्रहण किया, और उन्हें दण्डवत की और उनकी उपासना की, इस कारण उसने यह सब विपत्ति उन पर डाली है।