आसा के स्थान पर यहोशापात यहूदा का नया राजा हुआ। यहोशापात आसा का पुत्र था। यहोशापात ने यहूदा को शक्तिशाली बनाया जिससे वे इस्राएल के विरुद्ध लड़ सकते थे।
उसने यहूदा के उन सभी नगरों में सेना की टुकड़ियाँ रखीं जो किले बना दिये गए थे। यहोशापात ने यहूदा और एप्रैम के उन नगरों में किले बनाए जिन्हें उसके पिता ने अपने अधिकार में किया था।
यहोशापात ने उस परमेश्वर को खोजा जिसका अनुसरण उसके पूर्वज करते थे। उसने परमेश्वर के आदेशों का पालन किया। वह उस तरह नहीं रहा जैसै इस्राएल के अन्य लोग रहते थे।
यहोवा ने यहोशापात को यहूदा का शक्तिशाली राजा बनाया। यहूदा के सभी लोग यहोशापात को भेंट लाए। इस प्रकार यहोशापात के पास बहुत सी सम्पत्ति और सम्मान दोनों थे।
यहोशापात ने अपने प्रमुखों को यहूदा के नगरों में उपदेश देने के लिये भेजा। यह यहोशापात के राज्यकाल के तीसरे वर्ष हुआ। वे प्रमुख बेन्हैल, ओबद्याह, जकर्याह, नतनेल और मीकायाह थे।
यहोशापात ने इन प्रमुखों के साथ लेवीवंशियों को भी भेजा। ये लेवीवंशी शमायाह, नतन्याह, असाहेल, शमीरामोत, यहोनातान, अदोनिय्याह और तोबिय्याह थे। यहोशापात ने याचक एलीशामा और यहोराम को भेजा।
उन प्रमुखों, लेवीवंशियों और याचकों ने यहूदा में लोगों को शिक्षा दी। उनके पास यहोवा के नियमों की पुस्तक थी। वे यहूदा के सभी नगरों में गये और लोगों को उन्होंने शिक्षा दी।
कुछ पलिश्ती लोग यहोशापात के पास भेंट लाए। वे यहोशापात के पास चाँदी भी लाए क्योंकि वे जानते थे कि वह बहुत शक्तिशाली राजा है। कुछ अरब के लोग यहोशापात के पास रेवड़े लाये। वे उसके पास सात हज़ार सात सौ भेंड़ें और सात हज़ार सात सौ बकरियाँ लाए।
उन सैनिकों की अपने परिवार समूह में गिनती थी। यरूशलेम के उन सैनिकों की सूची ये हैः यहूदा के परिवार समूह से ये सेनाध्यक्ष थेः अदना तीन लाख सैनिकों का सेनाध्यक्ष था।