हे सनौबरों, हाय, हाय, करो! क्योंकि देवदार गिर गया है और बड़े से बड़े वृक्ष नाश हो गए हैं! हे बाशा के बांज वृक्षों, हाय, हाय, करो! क्योंकि अगम्य वन काटा गया है!
चरवाहों के हाहाकार का शब्द हो रहा है, क्योंकि उनका वैभव नाश हो गया है! जवान सिंहों का गरजना सुनाईं देता है, क्योंकि यरदन के तीर का घना वन नाश किया गया है!
उनके मोल लेने वाले उन्हें घात करने पर भी अपने को दोषी नहीं जानते, और उनके बेचने वाले कहते हैं, यहोवा धन्य है, हम धनी हो गए हैं; और उनके चरवाहे उन पर कुछ दया नहीं करते।
यहोवा की यह वाणी है, मैं इस देश के रहने वालों पर फिर दया न करूंगा। देखो, मैं मनुष्यों को एक दूसरे के हाथ में, और उनके राजा के हाथ में पकड़वा दूंगा; और वे इस देश को नाश करेंगे, और मैं उसके रहने वालों को उनके वश से न छुड़ाऊंगा॥
सो मैं घात होने वाली भेड़-बकरियों को और विशेष कर के उन में से जो दीन थीं उन को चराने लगा। और मैं ने दो लाठियां लीं; एक का नाम मैं ने अनुग्रह रखा, और दूसरी का नाम एकता। इन को लिये हुए मैं उन भेड़-बकरियों को चराने लगा।
तब यहोवा ने मुझ से कहा, इन्हें कुम्हार के आगे फेंक दे, यह क्या ही भारी दाम है जो उन्होंने मेरा ठहराया है? तब मैं ने चान्दी के उन तीस टुकड़ों को ले कर यहोवा के घर में कुम्हार के आगे फेंक दिया।
क्योंकि मैं इस देश में एक ऐसा चरवाहा ठहराऊंगा, जो खोई हुई को न ढूंढेगा, न तितर-बितर को इकट्ठी करेगा, न घायलों को चंगा करेगा, न जो भली चंगी हैं उनका पालन-पोषण करेगा, वरन मोटियों का मांस खाएगा और उनके खुरों को फाड़ डालेगा।
हाय उस निकम्मे चरवाहे पर जो भेड़-बकरियों को छोड़ जाता है! उसकी बांह, और दाहिनी आंख दोनों पर तलवार लगेगी, तब उसकी बांह सूख जाएगी और उसकी दाहिनी आंख फूट जाएगी॥