Bible Languages

Indian Language Bible Word Collections

Bible Versions

English

Tamil

Hebrew

Greek

Malayalam

Hindi

Telugu

Kannada

Gujarati

Punjabi

Urdu

Bengali

Oriya

Marathi

Books

Psalms Chapters

Psalms 10 Verses

1 हे यहोवा तू क्यों दूर खड़ा रहता है? संकट के समय में क्यों छिपा रहता है?
2 दुष्टों के अहंकार के कारण दीन मनुष्य खदेड़े जाते हैं; वे अपनी ही निकाली हुई युक्तियों में फंस जाएं॥
3 क्योंकि दुष्ट अपनी अभिलाषा पर घमण्ड करता है, और लोभी परमेश्वर को त्याग देता है और उसका तिरस्कार करता है॥
4 दुष्ट अपने अभिमान के कारण कहता है कि वह लेखा नहीं लेने का; उसका पूरा विचार यही है कि कोई परमेश्वर है ही नहीं॥
5 वह अपने मार्ग पर दृढ़ता से बना रहता है; तेरे न्याय के विचार ऐसे ऊंचे पर होते हैं, कि उसकी दृष्टि वहां तक नहीं पहुंचती; जितने उसके विरोधी हैं उन पर वह फुंकारता है।
6 वह अपने मन में कहता है कि मैं कभी टलने का नहीं: मैं पीढ़ी से पीढ़ी तक दु:ख से बचा रहूंगा॥
7 उसका मुंह शाप और छल और अन्धेर से भरा है; उत्पात और अनर्थ की बातें उसके मुंह में हैं।
8 वह गांवों में घात लगाकर बैठा करता है, और गुप्त स्थानों में निर्दोष को घात करता है, उसकी आंखे लाचार की घात में लगी रहती है।
9 जैसा सिंह अपनी झाड़ी में वैसा ही वह भी छिपकर घात में बैठा करता है; वह दीन को पकड़ने के लिये घात लगाए रहता है, वह दीन को अपने जाल में फंसाकर घसीट लाता है, तब उसे पकड़ लेता है।
10 वह झुक जाता है और वह दुबक कर बैठता है; और लाचार लोग उसके महाबली हाथों से पटके जाते हैं।
11 वह अपने मन में सोचता है, कि ईश्वर भूल गया, वह अपना मुंह छिपाता है; वह कभी नहीं देखेगा॥
12 उठ, हे यहोवा; हे ईश्वर, अपना हाथ बढ़ा; और दीनों को न भूल।
13 परमेश्वर को दुष्ट क्यों तुच्छ जानता है, और अपने मन में कहता है कि तू लेखा न लेगा?
14 तू ने देख लिया है, क्योंकि तू उत्पात और कलपाने पर दुष्टि रखता है, ताकि उसका पलटा अपने हाथ में रखे; लाचार अपने को तेरे हाथ में सौंपता है; अनाथों का तू ही सहायक रहा है।
15 दुष्ट की भुजा को तोड़ डाल; और दुर्जन की दुष्टता को ढूँढ़ ढूँढ़ कर निकाल जब तक कि सब उसमें से दूर न हो जाए
16 यहोवा अनन्तकाल के लिये महाराज है; उसके देश में से अन्यजाति लोग नाश हो गए हैं॥
17 हे यहोवा, तू ने नम्र लोगों की अभिलाषा सुनी है; तू उनका मन तैयार करेगा, तू कान लगाकर सुनेगा
18 कि अनाथ और पिसे हुए का न्याय करे, ताकि मनुष्य जो मिट्टी से बना है फिर भय दिखाने न पाए॥
×

Alert

×