Indian Language Bible Word Collections
Proverbs 7:27
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Proverbs Chapters
Proverbs 7 Verses
1
|
हे मेरे पुत्र, मेरी बातों को माना कर, और मेरी आज्ञाओं को अपने मन में रख छोड़। |
2
|
मेरी आज्ञाओं को मान, इस से तू जीवित रहेगा, और मेरी शिक्षा को अपनी आंख की पुतली जान; |
3
|
उन को अपनी उंगलियों में बान्ध, और अपने हृदय की पटिया पर लिख ले। |
4
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बुद्धि से कह कि, तू मेरी बहिन है, और समझ को अपनी साथिन बना; |
5
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तब तू पराई स्त्री से बचेगा, जो चिकनी चुपड़ी बातें बोलती है॥ |
6
|
मैं ने एक दिन अपने घर की खिड़की से, अर्थात अपने झरोखे से झांका, |
7
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तब मैं ने भोले लोगों में से एक निर्बुद्धि जवान को देखा; |
8
|
वह उस स्त्री के घर के कोने के पास की सड़क पर चला जाता था, और उस ने उसके घर का मार्ग लिया। |
9
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उस समय दिन ढल गया, और संध्याकाल आ गया था, वरन रात का घोर अन्धकार छा गया था। |
10
|
और उस से एक स्त्री मिली, जिस का भेष वेश्या का सा था, और वह बड़ी धूर्त थी। |
11
|
वह शान्ति रहित और चंचल थी, और अपने घर में न ठहरती थी; |
12
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कभी वह सड़क में, कभी चौक में पाई जाती थी, और एक एक कोने पर वह बाट जोहती थी। |
13
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तब उस ने उस जवान को पकड़ कर चूमा, और निर्लज्जता की चेष्टा कर के उस से कहा, |
14
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मुझे मेलबलि चढ़ाने थे, और मैं ने अपनी मन्नते आज ही पूरी की हैं; |
15
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इसी कारण मैं तुझ से भेंट करने को निकली, मैं तेरे दर्शन की खोजी थी, सो अभी पाया है। |
16
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मैं ने अपने पलंग के बिछौने पर मिस्र के बेलबूटे वाले कपड़े बिछाए हैं; |
17
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मैं ने अपने बिछौने पर गन्घरस, अगर और दालचीनी छिड़की है। |
18
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इसलिये अब चल हम प्रेम से भोर तक जी बहलाते रहें; हम परस्पर की प्रीति से आनन्दित रहें। |
19
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क्योंकि मेरा पति घर में नहीं है; वह दूर देश को चला गया है; |
20
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वह चान्दी की थैली ले गया है; और पूर्णमासी को लौट आएगा॥ |
21
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ऐसी ही बातें कह कह कर, उस ने उस को अपनी प्रबल माया में फंसा लिया; और अपनी चिकनी चुपड़ी बातों से उस को अपने वश में कर लिया। |
22
|
वह तुरन्त उसके पीछे हो लिया, और जैसे बैल कसाई-खाने को, वा जैसे बेड़ी पहिने हुए कोई मूढ़ ताड़ना पाने को जाता है। |
23
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अन्त में उस जवान का कलेजा तीर से बेधा जाएगा; वह उस चिडिय़ा के समान है जो फन्दे की ओर वेग से उड़े और न जानती हो कि उस में मेरे प्राण जाएंगे॥ |
24
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अब हे मेरे पुत्रों, मेरी सुनो, और मेरी बातों पर मन लगाओ। |
25
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तेरा मन ऐसी स्त्री के मार्ग की ओर न फिरे, और उसकी डगरों में भूल कर न जाना; |
26
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क्योंकि बहुत से लोग उस के द्वारा मारे पड़े हैं; उसके घात किए हुओं की एक बड़ी संख्या होगी। |
27
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उसका घर अधोलोक का मार्ग है, वह मृत्यु के घर में पहुंचाता है॥ |