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तब यहोवा ने मूसा से कहा, |
2
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इस्त्राएलियों से बातें करके उन के पूर्वजों के घरानों के अनुसार, उनके सब प्रधानों के पास से एक एक छड़ी ले; और उन बारह छडिय़ों में से एक एक पर एक एक के मूल पुरूष का नाम लिख, |
3
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और लेवियों की छड़ी पर हारून का नाम लिख। क्योंकि इस्त्राएलियों के पूर्वजों के घरानों के एक एक मुख्य पुरूष की एक एक छड़ी होगी। |
4
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और उन छडिय़ों को मिलापवाले तम्बू में साक्षीपत्र के आगे, जहां मैं तुम लोगों से मिला करता हूं, रख दे। |
5
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और जिस पुरूष को मैं चुनूंगा उसकी छड़ी में कलियां फूट निकलेंगी; और इस्त्राएली जो तुम पर बुड़बुड़ाते रहते हैं, वह बुड़बुड़ाना मैं अपने ऊपर से दूर करूंगा। |
6
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सो मूसा ने इस्त्राएलियों से यह बात कही; और उनके सब प्रधानों ने अपने अपने लिये, अपने अपने पूर्वजों के घरानों के अनुसार, एक एक छड़ी उसे दी, सो बारह छडिय़ां हुई; और उन की छडिय़ों में हारून की भी छड़ी थी। |
7
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उन छडिय़ों को मूसा ने साक्षीपत्र के तम्बू में यहोवा के साम्हने रख दिया। |
8
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दूसरे दिन मूसा साक्षीपत्र के तम्बू में गया; तो क्या देखा, कि हारून की छड़ी जो लेवी के घराने के लिये थी उस में कलियां फूट निकली, अर्थात उस में कलियां लगीं, और फूल भी फूले, और पके बादाम भी लगे हैं। |
9
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सो मूसा उन सब छडिय़ों को यहोवा के साम्हने से निकाल कर सब इस्त्राएलियों के पास ले गया; और उन्होंने अपनी अपनी छड़ी पहिचानकर ले ली। |
10
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फिर यहोवा ने मूसा से कहा, हारून की छड़ी को साक्षीपत्र के साम्हने फिर धर दे, कि यह उन दंगा करने वालों के लिये एक निशान बनकर रखी रहे, कि तू उनका बुड़बुड़ाना जो मेरे विरुद्ध होता रहता है भविष्य में रोक रखे, ऐसा न हो कि वे मर जाएं। |
11
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और मूसा ने यहोवा की इस आज्ञा के अनुसार ही किया॥ |
12
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तब इस्त्राएली मूसा से कहने लगे, देख, हमारे प्राण निकला चाहते हैं, हम नष्ट हुए, हम सब के सब नष्ट हुए जाते हैं। |
13
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जो कोई यहोवा के निवास के समीप जाता है वह मारा जाता है। तो क्या हम सब के सब मर ही जाएंगे॥ |
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