फिर वह स्त्री अपने शुद्ध करने वाले रूधिर में तेंतीस दिन रहे; और जब तक उसके शुद्ध हो जाने के दिन पूरे न हों तब तक वह न तो किसी पवित्र वस्तु को छुए, और न पवित्रस्थान में प्रवेश करे।
और जब उसके शुद्ध हो जाने के दिन पूरे हों, तब चाहे उसके बेटा हुआ हो चाहे बेटी, वह होमबलि के लिये एक वर्ष का भेड़ी का बच्चा, और पापबलि के लिये कबूतरी का एक बच्चा वा पंडुकी मिलापवाले तम्बू के द्वार पर याजक के पास लाए।
तब याजक उसको यहोवा के साम्हने भेंट चढ़ाके उसके लिये प्रायश्चित्त करे; और वह अपने रूधिर के बहने की अशुद्धता से छूटकर शुद्ध ठहरेगी। जिस स्त्री के लड़का वा लड़की उत्पन्न हो उसके लिये यही व्यवस्था है।
और यदि उसके पास भेड़ वा बकरी देने की पूंजी न हो, तो दो पंडुकी वा कबूतरी के दो बच्चे, एक तो होमबलि और दूसरा पापबलि के लिये दे; और याजक उसके लिये प्रायश्चित्त करे, तब वह शुद्ध ठहरेगी॥