और यहोवा का दूत गिलगाल से बोकीम को जा कर कहने लगा, कि मैं ने तुम को मिस्र से ले आकर इस देश में पहुंचाया है, जिसके विषय में मैं ने तुम्हारे पुरखाओं से शपथ खाई थी। और मैं ने कहा था, कि जो वाचा मैं ने तुम से बान्धी है, उसे मैं कभी न तोडूंगा;
और यहोशू के जीवन भर, और उन वृद्ध लोगों के जीवन भर जो यहोशू के मरने के बाद जीवित रहे और देख चुके थे कि यहोवा ने इस्राएल के लिये कैसे कैसे बड़े काम किए हैं, इस्राएली लोग यहोवा की सेवा करते रहे।
और उस पीढ़ी के सब लोग भी अपने अपने पितरों में मिल गए; तब उसके बाद जो दूसरी पीढ़ी हुई उसके लोग न तो यहोवा को जानते थे और न उस काम को जो उसने इस्राएल के लिये किया था॥
वे अपने पूर्वजों के परमेश्वर यहोवा को, जो उन्हें मिस्र देश से निकाल लाया था, त्यागकर पराये देवताओं की उपासना करने लगे, और उन्हें दण्डवत किया; और यहोवा को रिस दिलाई।
इसलिये यहोवा का कोप इस्राएलियों पर भड़क उठा, और उसने उन को लुटेरों के हाथ में कर दिया जो उन्हें लूटने लगे; और उसने उन को चारों ओर के शत्रुओं के आधीन कर दिया; और वे फिर अपने शत्रुओं के साम्हने ठहर न सके।
जहां कहीं वे बाहर जाते वहां यहोवा का हाथ उनकी बुराई में लगा रहता था, जैसे यहोवा ने उन से कहा था, वरन यहोवा ने शपथ खाई थी; इस प्रकार से बड़े संकट में पड़ गए।
परन्तु वे अपने न्यायियों की भी नहीं मानते थे; वरन व्यभिचारिन की नाईं पराये देवताओं के पीछे चलते और उन्हें दण्डवत करते थे; उनके पूर्वज जो यहोवा की आज्ञाएं मानते थे, उनकी उस लीक को उन्होंने शीघ्र ही छोड़ दिया, और उनके अनुसार न किया।
और जब जब यहोवा उनके लिये न्यायी को ठहराता तब तब वह उस न्यायी के संग रहकर उसके जीवन भर उन्हें शत्रुओं के हाथ से छुड़ाता था; क्योंकि यहोवा उनका कराहना जो अन्धेर और उपद्रव करने वालों के कारण होता था सुनकर दु:खी था।
परन्तु जब न्यायी मर जाता, तब वे फिर पराये देवताओं के पीछे चलकर उनकी उपासना करते, और उन्हें दण्डवत करके अपने पुरखाओं से अधिक बिगड़ जाते थे; और अपने बुरे कामों और हठीली चाल को नहीं छोड़ते थे।