जब इसहाक बूढ़ा हो गया, और उसकी आंखें ऐसी धुंधली पड़ गईं, कि उसको सूझता न था, तब उसने अपने जेठे पुत्र ऐसाव को बुला कर कहा, हे मेरे पुत्र; उसने कहा, क्या आज्ञा।
याकूब ने अपने पिता से कहा, मैं तेरा जेठा पुत्र ऐसाव हूं। मैं ने तेरी आज्ञा के अनुसार किया है; सो उठ और बैठ कर मेरे अहेर के मांस में से खा, कि तू जी से मुझे आशीर्वाद दे।
इसहाक ने अपने पुत्र से कहा, हे मेरे पुत्र, क्या कारण है कि वह तुझे इतनी जल्दी मिल गया? उसने यह उत्तर दिया, कि तेरे परमेश्वर यहोवा ने उसको मेरे साम्हने कर दिया।
तब उसने कहा, भोजन को मेरे निकट ले आ, कि मैं, अपने पुत्र के अहेर के मांस में से खाकर, तुझे जी से आशीर्वाद दूं। तब वह उसको उसके निकट ले आया, और उसने खाया; और वह उसके पास दाखमधु भी लाया, और उसने पिया।
उसने निकट जा कर उसको चूमा। और उसने उसके वस्त्रों की सुगन्ध पाकर उसको य़ह आशीर्वाद दिया, कि देख, मेरे पुत्र का सुगन्ध जो ऐसे खेत का सा है जिस पर यहोवा ने आशीष दी हो:
राज्य राज्य के लोग तेरे आधीन हों, और देश देश के लोग तुझे दण्डवत करें: तू अपने भाइयों का स्वामी हो, और तेरी माता के पुत्र तुझे दण्डवत करें: जो तुझे शाप दें सो आप ही स्रापित हों, और जो तुझे आशीर्वाद दें सो आशीष पाएं॥
तब इसहाक ने अत्यन्त थरथर कांपते हुए कहा, फिर वह कौन था जो अहेर करके मेरे पास ले आया था, और मैं ने तेरे आने से पहिले सब में से कुछ कुछ खा लिया और उसको आशीर्वाद दिया? वरन उसको आशीष लगी भी रहेगी।
उसने कहा, क्या उसका नाम याकूब यथार्थ नहीं रखा गया? उसने मुझे दो बार अड़ंगा मारा, मेरा पहिलौठे का अधिकार तो उसने ले ही लिया था: और अब देख, उसने मेरा आशीर्वाद भी ले लिया है: फिर उसने कहा, क्या तू ने मेरे लिये भी कोई आशीर्वाद नहीं सोच रखा है?
इसहाक ने ऐसाव को उत्तर देकर कहा, सुन, मैं ने उसको तेरा स्वामी ठहराया, और उसके सब भाइयों को उसके आधीन कर दिया, और अनाज और नया दाखमधु देकर उसको पुष्ट किया है: सो अब, हे मेरे पुत्र, मैं तेरे लिये क्या करूं?
ऐसाव ने तो याकूब से अपने पिता के दिए हुए आशीर्वाद के कारण बैर रखा; सो उसने सोचा, कि मेरे पिता के अन्तकाल का दिन निकट है, फिर मैं अपने भाई याकूब को घात करूंगा।
जब रिबका को अपने पहिलौठे पुत्र ऐसाव की ये बातें बताई गईं, तब उसने अपने लहुरे पुत्र याकूब को बुला कर कहा, सुन, तेरा भाई ऐसाव तुझे घात करने के लिये अपने मन को धीरज दे रहा है।
फिर जब तेरे भाई का क्रोध तुझ पर से उतरे, और जो काम तू ने उस से किया है उसको वह भूल जाए; तब मैं तुझे वहां से बुलवा भेजूंगी: ऐसा क्यों हो कि एक ही दिन में मुझे तुम दोनों से रहित होना पड़े?
फिर रिबका ने इसहाक से कहा, हित्ती लड़कियों के कारण मैं अपने प्राण से घिन करती हूं; सो यदि ऐसी हित्ती लड़कियों में से, जैसी इस देश की लड़कियां हैं, याकूब भी एक को कहीं ब्याह ले, तो मेरे जीवन में क्या लाभ होगा?