फिर मूसा ने लोगों से कहा, इस दिन को स्मरण रखो, जिस में तुम लोग दासत्व के घर, अर्थात मिस्र से निकल आए हो; यहोवा तो तुम को वहां से अपने हाथ के बल से निकाल लाया; इस में खमीरी रोटी न खाई जाए।
इसलिये जब यहोवा तुम को कनानी, हित्ती, एमोरी, हिब्बी, और यबूसी लोगों के देश में पहुंचाएगा, जिसे देने की उसने तुम्हारे पुरखाओं से शपथ खाई थी, और जिस में दूध और मधु की धारा बहती है, तब तुम इसी महीने में पर्ब्ब करना।
और उस दिन तुम अपने अपने पुत्रों को यह कहके समझा देना, कि यह तो हम उसी काम के कारण करते हैं, जो यहोवा ने हमारे मिस्र से निकल आने के समय हमारे लिये किया था।
फिर यह तुम्हारे लिये तुम्हारे हाथ में एक चिन्ह होगा, और तुम्हारी आंखों के साम्हने स्मरण कराने वाली वस्तु ठहरे; जिस से यहोवा की व्यवस्था तुम्हारे मुंह पर रहे: क्योंकि यहोवा ने तुम्हें अपने बलवन्त हाथों से मिस्र से निकाला है।
और गदही के हर एक पहिलौठे की सन्ती मेम्ना देकर उसको छुड़ा लेना, और यदि तुम उसे छुड़ाना न चाहो तो उसका गला तोड़ देना। पर अपने सब पहिलौठे पुत्रों को बदला देकर छुड़ा लेना।
और आगे के दिनों में जब तुम्हारे पुत्र तुम से पूछें, कि यह क्या है? तो उन से कहना, कि यहोवा हम लोगों को दासत्व के घर से, अर्थात मिस्र देश से अपने हाथों के बल से निकाल लाया है।
उस समय जब फिरौन ने कठोर हो कर हम को जाने देना न चाहा, तब यहोवा ने मिस्र देश में मनुष्य से ले कर पशु तक सब के पहिलौठों को मार डाला। इसी कारण पशुओं में से तो जितने अपनी अपनी मां के पहिलौठे नर हैं, उन्हें हम यहोवा के लिये बलि करते हैं; पर अपने सब जेठे पुत्रों को हम बदला देकर छुड़ा लेते हैं।
जब फिरौन ने लोगों को जाने की आज्ञा दे दी, तब यद्यपि पलिश्तियों के देश में हो कर जो मार्ग जाता है वह छोटा था; तौभी परमेश्वर यह सोच कर उन को उस मार्ग से नहीं ले गया, कि कहीं ऐसा न हो कि जब ये लोग लड़ाई देखें तब पछताकर मिस्र को लौट आएं।
और मूसा यूसुफ की हड्डियों को साथ लेता गया; क्योंकि यूसुफ ने इस्राएलियों से यह कहके, कि परमेश्वर निश्चय तुम्हारी सुधि लेगा, उन को इस विषय की दृढ़ शपथ खिलाई थी, कि वे उसकी हड्डियों को अपने साथ यहां से ले जाएंगे।
और यहोवा उन्हें दिन को मार्ग दिखाने के लिये मेघ के खम्भे में, और रात को उजियाला देने के लिये आग के खम्भे में हो कर उनके आगे आगे चला करता था, जिससे वे रात और दिन दोनों में चल सकें।