और यदि किसी के घराने में एक मेम्ने के खाने के लिये मनुष्य कम हों, तो वह अपने सब से निकट रहने वाले पड़ोसी के साथ प्राणियों की गिनती के अनुसार एक मेम्ना ले रखे; और तुम हर एक के खाने के अनुसार मेम्ने का हिसाब करना।
क्योंकि उस रात को मैं मिस्र देश के बीच में से हो कर जाऊंगा, और मिस्र देश के क्या मनुष्य क्या पशु, सब के पहिलौठों को मारूंगा; और मिस्र के सारे देवताओं को भी मैं दण्ड दूंगा; मैं तो यहोवा हूं।
और जिन घरों में तुम रहोगे उन पर वह लोहू तुम्हारे निमित्त चिन्ह ठहरेगा; अर्थात मैं उस लोहू को देखकर तुम को छोड़ जाऊंगा, और जब मैं मिस्र देश के लोगों को मारूंगा, तब वह विपत्ति तुम पर न पड़ेगी और तुम नाश न होगे।
और वह दिन तुम को स्मरण दिलाने वाला ठहरेगा, और तुम उसको यहोवा के लिये पर्ब्ब करके मानना; वह दिन तुम्हारी पीढिय़ों में सदा की विधि जानकर पर्ब्ब माना जाए।
सात दिन तक अखमीरी रोटी खाया करना, उन में से पहिले ही दिन अपने अपने घर में से खमीर उठा डालना, वरन जो पहिले दिन से ले कर सातवें दिन तक कोई खमीरी वस्तु खाए, वह प्राणी इस्राएलियों में से नाश किया जाए।
और पहिले दिन एक पवित्र सभा, और सातवें दिन भी एक पवित्र सभा करना; उन दोनों दिनों मे कोई काम न किया जाए; केवल जिस प्राणी का जो खाना हो उसके काम करने की आज्ञा है।
इसलिये तुम बिना खमीर की रोटी का पर्ब्ब मानना, क्योंकि उसी दिन मानो मैं ने तुम को दल दल करके मिस्र देश से निकाला है; इस कारण वह दिन तुम्हारी पीढिय़ों में सदा की विधि जान कर माना जाए।
सात दिन तक तुम्हारे घरों में कुछ भी खमीर न रहे, वरन जो कोई किसी खमीरी वस्तु को खाए, चाहे वह देशी हो चाहे परदेशी, वह प्राणी इस्राएलियों की मण्डली से नाश किया जाए।
और उसका लोहू जो तसले में होगा उस में जूफा का एक गुच्छा डुबाकर उसी तसले में के लोहू से द्वार के चौखट के सिरे और दोनों अलंगों पर कुछ लगाना; और भोर तक तुम में से कोई घर से बाहर न निकले।
क्योंकि यहोवा देश के बीच हो कर मिस्रियों को मारता जाएगा; इसलिये जहां जहां वह चौखट के सिरे, और दोनों अलंगों पर उस लोहू को देखेगा, वहां वहां वह उस द्वार को छोड़ जाएगा, और नाश करने वाले को तुम्हारे घरों में मारने के लिये न जाने देगा।
तब तुम उन को यह उत्तर देना, कि यहोवा ने जो मिस्रियों के मारने के समय मिस्र में रहने वाले हम इस्राएलियों के घरों को छोड़कर हमारे घरों को बचाया, इसी कारण उसके फसह का यह बलिदान किया जाता है। तब लोगों ने सिर झुका कर दण्डवत की।
और ऐसा हुआ कि आधी रात को यहोवा ने मिस्र देश में सिंहासन पर विराजने वाले फिरौन से ले कर गड़हे में पड़े हुए बन्धुए तक सब के पहिलौठों को, वरन पशुओं तक के सब पहिलौठों को मार डाला।
तब फिरौन ने रात ही रात में मूसा और हारून को बुलवाकर कहा, तुम इस्राएलियों समेत मेरी प्रजा के बीच से निकल जाओ; और अपने कहने के अनुसार जा कर यहोवा की उपासना करो।
और यहोवा ने मिस्रियों को अपनी प्रजा के लोगों पर ऐसा दयालु किया, कि उन्होंने जो जो मांगा वह सब उन को दिया। इस प्रकार इस्राएलियों ने मिस्रियों को लूट लिया॥
और जो गून्धा आटा वे मिस्र से साथ ले गए उसकी उन्होंने बिना खमीर दिए रोटियां बनाईं; क्योंकि वे मिस्र से ऐसे बरबस निकाले गए, कि उन्हें अवसर भी न मिला की मार्ग में खाने के लिये कुछ पका सकें, इसी कारण वह गून्धा हुआ आटा बिना खमीर का था।
यहोवा इस्राएलियों को मिस्र देश से निकाल लाया, इस कारण वह रात उसके निमित्त मानने के अति योग्य है; यह यहोवा की वही रात है जिसका पीढ़ी पीढ़ी में मानना इस्राएलियों के लिये अति अवश्य है॥
और यदि कोई परदेशी तुम लोगों के संग रहकर यहोवा के लिये पर्ब्ब को मानना चाहे, तो वह अपने यहां के सब पुरूषों का खतना कराए, तब वह समीप आकर उसको माने; और वह देशी मनुष्य के तुल्य ठहरेगा। पर कोई खतनारहित पुरूष उस में से न खाने पाए।