दाखमधु पीते पीते बेलशस्सर ने आज्ञा दी, कि सोने-चान्दी के जो पात्र मेरे पिता नबूकदनेस्सर ने यरूशलेम के मन्दिर में से निकाले थे, उन्हें ले आओ कि राजा अपने प्रधानों, और रानियों और रखेलियों समेत उन में से पीए।
तब जो सोने के पात्र यरूशलेम में परमेश्वर के भवन के मन्दिर में से निकाले गए थे, वे लाए गए; और राजा अपने प्रधानों, और रानियों, और रखेलियों समेत उन में से पीने लगा॥
कि उसी घड़ी मनुष्य के हाथ की सी कई उंगलियां निकल कर दीवट के साम्हने राजमन्दिर की भीत के चूने पर कुछ लिखने लगीं; और हाथ का जो भाग लिख रहा था वह राजा को दिखाई पड़ा।
तब राजा ने ऊंचे शब्द से पुकार कर तन्त्रियों, कसदियों और और होनहार बताने वालों को हाजिर करवाने की आज्ञा दी। जब बाबुल के पण्डित पास आए, तब राजा उन से कहने लगा, जो कोई वह लिखा हुआ पढ़ कर उसका अर्थ मुझे समझाए उसे बैंजनी रंग का वस्त्र और उसके गले में सोने की कण्ठमाला पहिनाई जाएगी; और मेरे राज्य में तीसरा वही प्रभुता करेगा।
तेरे राज्य में दानिय्येल एक पुरूष है जिसका नाम तेरे पिता ने बेलतशस्सर रखा था, उस में पवित्र ईश्वरों की आत्मा रहती है, और उस राजा के दिनों में उस में प्रकाश, प्रवीणता और ईश्वरों के तुल्य बुद्धि पाई गई। और हे राजा, तेरा पिता जो राजा था, उसने उसको सब ज्योतिषियों, तन्त्रियों, कसदियों और और होनहार बताने वालों का प्रधान ठहराया था,
क्योंकि उस में उत्तम आत्मा, ज्ञान और प्रवीणता, और स्वप्नों का फल बताने और पहेलियां खोलने, और सन्देह दूर करने की शक्ति पाई गई। इसलिये अब दानिय्येल बुलाया जाए, और वह इसका अर्थ बताएगा॥
तब दानिय्येल राजा के साम्हने भीतर बुलाया गया। राजा दानिय्येल से पूछने लगा, क्या तू वही दानिय्येल है जो मेरे पिता नबूकदनेस्सर राजा के यहूदा देश से लाए हुए यहूदी बंधुओं में से है?
परन्तु मैं ने तेरे विषय में सुना है कि दानिय्येल भेद खोल सकता और सन्देह दूर कर सकता है। इसलिये अब यदि तू उस लिखे हुए को पढ़ सके और उसका अर्थ भी मुझे समझा सके, तो तुझे बैंजनी रंग का वस्त्र, और तेरे गले में सोने की कण्ठमाला पहिनाई जाएगी, और राज्य में तीसरा तू ही प्रभुता करेगा॥
दानिय्येल ने राजा से कहा, अपने दान अपने ही पास रख; और जो बदला तू देना चाहता है, वह दूसरे को दे; वह लिखी हुई बात मैं राजा को पढ़ सुनाऊंगा, और उसका अर्थ भी तुझे समझाऊंगा।
और उस बड़ाई के कारण जो उसने उसको दी थी, देश-देश और जाति जाति के सब लोग, और भिन्न-भिन्न भाषा बोलने वाले उसके साम्हने कांपते और थरथराते थे, जिसे वह चाहता उसे वह घात करता था, और जिस को वह चाहता उसे वह जीवित रखता था जिसे वह चाहता उसे वह ऊंचा पद देता था, और जिस को वह चाहता उसे वह गिरा देता था।
परन्तु जब उसका मन फूल उठा, और उसकी आत्मा कठोर हो गई, यहां तक कि वह अभिमान करने लगा, तब वह अपने राजसिंहासन पर से उतारा गया, और उसकी प्रतिष्ठा भंग की गई;
वह मनुष्यों में से निकाला गया, और उसका मन पशुओं का सा, और उसका निवास जंगली गदहों के बीच हो गया; वह बैलों की नाईं घास चरता, और उसका शरीर आकाश की ओस से भीगा करता था, जब तक कि उसने जान न लिया कि परमप्रधान परमेश्वर मनुष्यों के राज्य में प्रभुता करता है और जिसे चाहता उसी को उस पर अधिकारी ठहराता है।
वरन तू ने स्वर्ग के प्रभु के विरुद्ध सिर उठा कर उसके भवन के पात्र मंगवा कर अपने साम्हने धरवा लिए, और अपने प्रधानों और रानियों और रखेलियों समेत तू ने उन में दाखमधु पिया; और चान्दी-सोने, पीतल, लोहे, काठ और पत्थर के देवता, जो न देखते न सुनते, न कुछ जानते हैं, उनकी तो स्तुति की, परन्तु परमेश्वर, जिसके हाथ में तेरा प्राण है, और जिसके वश में तेरा सब चलना फिरना है, उसका सन्मान तू ने नहीं किया॥
तब बेलशस्सर ने आज्ञा दी, और दानिय्येल को बैंजनी रंग का वस्त्र और उसके गले में सोने की कण्ठमाला पहिनाई गई; और ढिंढोरिये ने उसके विषय में पुकारा, कि राज्य में तीसरा दानिय्येल ही प्रभुता करेगा॥