जब आहाज राज्य करने लगा, तब वह बीस पर्ष का था, और सोलह वर्ष तक यरूशलेम में राज्य करता रहा। और उसने अपने मूलपुरुष दाऊद का सा काम नहीं किया, जो उसके परमेश्वर यहोवा की दृष्टि में ठीक था।
परन्तु वह इस्राएल के राजाओं की सी चाल चला, वरन उन जातियों के घिनौने कामों के अनुसार, जिन्हें यहोवा ने इस्राएलियों के साम्हने से देश से निकाल दिया था, उसने अपने बेटे को भी आग में होम कर दिया।
तब अराम के राजा रसीन, और रमल्याह के पुत्र इस्राएल के राजा पेकह ने लड़ने के लिये यरूशलेम पर चढ़ाई की, और उन्होंने आहाज को घेर लिया, परन्तु युद्ध कर के उन से कुछ बन न पड़ा।
और आहाज ने दूत भेज कर अश्शूर के राजा तिग्लत्पिलेसेर के पास कहला भेजा कि मुझे अपना दास, वरन बेटा जान कर चढ़ाई कर, और मुझे अराम के राजा और इस्राएल के राजा के हाथ से बचा जो मेरे विरुद्ध उठे हैं।
तब राजा आहाज अश्शूर के राजा तिग्लत्पिलेसेर से भेंट करने के लिये दमिश्क को गया, और वहां की वेदी देख कर उसकी सब बनावट के अनुसार उसका नकशा ऊरिय्याह याजक के पास नमूना कर के भेज दिया।
और पीतल की जो वेदी यहोवा के साम्हने रहती थी उसको उसने भवन के साम्हने से अर्थात अपनी वेदी और यहोवा के भवन के बीच से हटा कर, उस वेदी की उत्तर ओर रख दिया।
तब राजा आहाज ने ऊरिय्याह याजक को यह आज्ञा दी, कि भोर के होमबलि और सांझ के अन्नबलि, राजा के होमबलि और उसके अन्नबलि, और सब साधारण लोगों के होमबलि और अर्घ बड़ी वेदी पर चढ़ाया कर, और होमबलियों और मेलबलियों का सब लोहू उस पर छिड़क; और पीतल की वेदी के विषय मैं विचार करूंगा।
फिर राजा आहाज ने कुसिर्यों की पटरियों को काट डाला, और हौदियों को उन पर से उतार दिया, और बड़े हौद को उन पीतल के बैलों पर से जो उसके तले थे उतारकर, पत्थरों के फर्श पर धर दिया।
और विश्राम के दिन के लिये जो छाया हुआ स्थान भवन में बना था, और राजा के बाहर के प्रवेश करने का फाटक, उन को उसने अश्शूर के राजा के कारण यहोवा के भवन से अलग कर दिया।