पहरेदारों से मैं अभी थोड़ी ही दूर गई कि मुझको मेरा प्रियतम मिल गया! मैंने उसे पकड़ लिया और तब तक जाने नहीं दिया जब तक मैं उसे अपनी माता के घर में न ले आई अर्थात् उस स्त्री के कक्ष में जिसने मुझे गर्भ में धरा था।
यह कुमारी कौन है जो मरुभूमि से लोगों की इस बड़ी भीड़ के साथ आ रही है धूल उनके पीछे से यूँ उठ रही है मानों कोई धुएँ का बादल हो। जो धूआँ जलते हुए गन्ध रस, धूप और अन्य गंध मसाले से निकल रही हो।
उसने यात्रा की पालकी के बल्लों को चाँदी से बनाया और उसकी टेक सोने से बनायी गई। पालकी की गद्दी को उसने बैंगनी वस्त्र से ढँका और यह यरूशलेम की पुत्रियों के द्वारा प्रेम से बुना गया था।
सिय्योन के पुत्रियों, बाहर आ कर राजा सुलैमान को उसके मुकुट के साथ देखो जो उसको उसकी माता ने उस दिन पहनाया था जब वह ब्याहा गया था, उस दिन वह बहुत प्रसन्न था!