Indian Language Bible Word Collections
Psalms 48:14
Psalms Chapters
Psalms 48 Verses
Books
Old Testament
New Testament
Bible Versions
English
Tamil
Hebrew
Greek
Malayalam
Hindi
Telugu
Kannada
Gujarati
Punjabi
Urdu
Bengali
Oriya
Marathi
Assamese
Books
Old Testament
New Testament
Psalms Chapters
Psalms 48 Verses
1
यहोवा महान है! वह परमेश्वर के नगर, उसके पवित्र नगर में प्रशंसनीय है।
2
परमेश्वर का पवित्र नगर एक सुन्दर नगर है। धरती पर वह नगर सर्वाधिक प्रसन्न है। सिय्योन पर्वत सबसे अधिक ऊँचा और सर्वाधिक पवित्र है। यह नगर महा सम्राट का है।
3
उस नगर के महलों में परमेश्वर को सुरक्षास्थल कहा जाता है।
4
एकबार कुछ राजा आपस में आ मिले और उन्हेंने इस नगर पर आक्रमण करने का कुचक्र रचा। सभी साथ मिलकर चढ़ाई के लिये आगे बढ़े।
5
राजा को देखकर वे सभी चकित हुए। उनमें भगदड़ मची और वे सभी भाग गए।
6
उन्हें भय ने दबोचा, वे भय से काँप उठे!
7
प्रचण्ड पूर्वी पवन ने उनके जलयानों को चकनाचूर कर दिया।
8
हाँ, हमने उन राजाओं की कहानी सुनी है और हमने तो इसको सर्वशक्तिमान यहोवा के नगर में हमारे परमेश्वर के नगर में घटते हुए भी देखा। यहोवा उस नगर को सुदृढ़ बनाएगा।
9
हे परमेश्वर, हम तेरे मन्दिर में तेरी प्रेमपूर्ण करूणा पर मनन करते हैं।
10
हे परमेश्वर, तू प्रसिद्ध है. लोग धरती पर हर कहीं तेरी स्तुति करते हैं। हर मनुष्य जानता है कि तू कितना भला है।
11
हे परमेश्वर, तेरे उचित न्याय के कारण सिय्योन पर्वत हर्षित है। और यहूदा की नगरियाँ आनन्द मना रही हैं।
12
सिय्योन की परिक्रमा करो। नगरी के दर्शन करो। तुम बुर्जो (मीनारों) को गिनो।
13
ऊँचे प्राचीरों को देखो। सिय्योन के महलों को सराहो। तभी तुम आने वाली पीढ़ी से इसका बखान कर सकोगे।
14
सचमुच हमारा परमेश्वर सदा सर्वदा परमेश्वर रहेगा। वह हमको सदा ही राह दिखाएगा। उसका कभी भी अंत नहीं होगा।