Indian Language Bible Word Collections
Psalms 102:2
Psalms Chapters
Psalms 102 Verses
Books
Old Testament
New Testament
Bible Versions
English
Tamil
Hebrew
Greek
Malayalam
Hindi
Telugu
Kannada
Gujarati
Punjabi
Urdu
Bengali
Oriya
Marathi
Assamese
Books
Old Testament
New Testament
Psalms Chapters
Psalms 102 Verses
1
यहोवा मेरी प्रार्थना सुन! तू मेरी सहायता के लिये मेरी पुकार सुन।
2
यहोवा जब मैं विपत्ति में होऊँ मुझ से मुख मत मोड़। जब मैं सहायता पाने को पुकारूँ तू मेरी सुन ले, मुझे शीघ्र उत्तर दे।
3
मेरा जीवन वैसे बीत रहा जैसा उड़ जाता धुँआ। मेरा जीवन ऐसे है जैसे धीरे धीरे बुझती आग।
4
मेरी शक्ति क्षीण हो चुकी है। मैं वैसा ही हूँ जैसा सूखी मुरझाती घास। अपनी वेदनाओं में मुझे भूख नहीं लगती।
5
निज दु:ख के कारण मेरा भार घट रहा है।
6
मैं अकेला हूँ जैसे कोई एकान्त निर्जन में उल्लू रहता हो। मैं अकेला हूँ जैसे कोई पुराने खण्डर भवनों में उल्लू रहता हो।
7
मैं सो नहीं पाता मैं उस अकेले पक्षी सा हो गया हूँ, जो धत पर हो।
8
मेरे शत्रु सदा मेरा अपमान करते है, और लोग मेरा नाम लेकर मेरी हँसी उड़ाते हैं।
9
मेरा गहरा दु:ख बस मेरा भोजन है। मेरे पेयों में मेरे आँसू गिर रहे हैं।
10
क्यों क्योंकि यहोवा तू मुझसे रूठ गया है। तूने ही मुझे ऊपर उठाया था, और तूने ही मुझको फेंक दिया।
11
मेरे जीवन का लगभग अंत हो चुका है। वैसे ही जैसे शाम को लम्बी छायाएँ खो जाती है। मैं वैसा ही हूँ जैसे सूखी और मुरझाती घास।
12
किन्तु हे यहोवा, तू तो सदा ही अमर रहेगा। तेरा नाम सदा और सर्वदा बना ही रहेगा।
13
तेरा उत्थान होगा और तू सिय्योन को चैन देगा। वह समय आ रहा है, जब तू सिय्योन पर कृपालु होगा।
14
तेरे भक्त, उसके (यरूशलेम के) पत्यरों से प्रेम करते हैं। वह नगर उनको भाता है।
15
लोग यहोवा के नाम कि आराधना करेंगे। हे परमेश्वर, धरती के सभी राजा तेरा आदर करेंगे।
16
क्यों क्योंकि यहोवा फिर से सिय्योन को बनायेगा। लोग फिर उसके (यरूशलेम के) वैभव को देखेंगे।
17
जिन लोगों को उसने जीवित छोड़ा है, परमेश्वर उनकी प्रारथनाएँ सुनेगा। परमेश्वर उनकी विनतियों का उत्तर देगा।
18
उन बातों को लिखो ताकि भविष्य के पीढ़ी पढ़े। और वे लोग आने वाले समय में यहोवा के गुण गायेंगे।
19
यहोवा अपने ऊँचे पवित्र स्थान से नीचे झाँकेगा। यहोवा स्वर्ग से नीचे धरती पर झाँकेगा।
20
वह बंदी की प्रार्थनाएँ सुनेगा। वह उन व्यक्तियों को मुक्त करेगा जिनको मृत्युदण्ड दिया गया।
21
फिर सिय्योन में लोग यहोवा का बखान करेंगे। यरूशलेम में लोग यहोवा का गुण गायेंगे।
22
ऐसा तब होगा जब यहोवा लोगों को फिर एकत्र करेगा, ऐसा तब होगा जब राज्य यहोवा की सेवा करेंगे।
23
मेरी शक्ति ने मुझको बिसार दिया है। यहोवा ने मेरा जीवन घटा दिया है।
24
इसलिए मैंने कहा, “मेरे प्राण छोटी उम्र में मत हरा। हे परमेश्वर, तू सदा और सर्वदा अमर रहेगा।
25
बहुत समय पहले तूने संसार रचा! तूने स्वयं अपने हाथों से आकाश रचा।
26
यह जगत और आकाश नष्ट हो जायेंगे, किन्तु तू सदा ही जीवित रहेगा! वे वस्त्रों के समान जीर्ण हो जायेंगे। वस्त्रों के समान ही तू उन्हें बदलेगा। वे सभी बदल दिये जायेंगे।
27
हे परमेश्वर, किन्तु तू कभी नहीं बदलता: तू सदा के लिये अमर रहेगा।
28
आज हम तेरे दास है, हमारी संतान भविष्य में यही रहेंगी और उनकी संताने यहीं तेरी उपासना करेंगी।”