यदि कोई व्यक्ति उस व्यक्ति को छूता है जिसने धात त्या किया है तो उसे अपने वस्त्रों को धोना चाहिए तथा बहते पानी में नहाना चाहिए। वह सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा।
यदि धत त्याग करने वाल व्यक्ति किसी शुद्ध व्यक्ति पर थूकता है तो शुद्ध व्यक्ति को अपने वस्त्र धोने चाहिए तथा नहाना चाहिए। यह व्यक्ति सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा।
इसलिए कोई व्यक्ति जो धात त्याग करने वाले व्यक्ति के नीचे रहने वाली किसी चीज़ को छूता है, सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा। जो व्यक्ति धात त्याग करने वाले व्यक्ति के नीचे की चीज़ें ले जाता है उसे अपने पस्त्रों को धोना चाहिए तथा बहते पानी में नहाना चाहिए। वह सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा।
यह सम्भव है कि धात त्याग करने वाल व्यक्ति पानी में हाथ धोए बिना किसी अनय् व्यक्ति को छूए। तब दूसरा व्यक्ति अपने वस्त्रों को धोए और बहते पानी में नहाए। वह सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा।
“धात त्याग करने वाला व्यक्ति यदि मिट्टी का कटोरा छूए तो वह कटोरा पोड़ देना चाहिए। यदि धात त्याग करने वाला व्यक्ति कोई लकड़ी का कटोरा छूए तो उस कटोरे को बहते पानी में अच्छी तरह धोना चाहिए।
“जब धात त्याग करने वाला कोई व्यक्ति अपने धात त्याग से शुद्ध किया जाता है तो उसे अपनी शुद्धि के लिए उस दिन से सात दिन गिनने चाहिए। तब उसे अपने वस्त्र दोने चाहिए और बहते पानी में नहाने चाहिए। तब उसे अपने वस्त्र धोने चाहिए और बहते पानी में नहाना चाहिए। वह शुद्ध हो जाएगा।
आठवें दिन उस व्यक्ति को दो फ़ाख्ते या दो कबूतर के बच्चे लेने चाहिए। उसे मिलापवाले तम्बू के द्वार पर यहोवा के सामने आना चाहिए। वह व्यक्ति दो पक्षी याजक को देगा।
याजक पक्षियों की बलि चढ़ाएगा। एक को पापबलि के लिए तथा दूसरे को होमबलि के लिये। इस प्रकार याजक इसे व्यक्ति को यहोवा के सामने उस के धात त्याग से हुई अशुद्धता से शुद्ध करेगा।
“यदि कोई स्त्री मासिक रक्त स्राव के समय मासिक धर्म से है तो वह सात दिन तक अशुद्ध रहेगी। यदि कोई व्यक्ति उसे छूता है तो वह व्यक्ति सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा।
यदि कोई व्यक्ति उस चीज़ को छूता है जिस पर वह स्त्री बैठी हो तो उस व्यक्ति को अपने वस्त्र बहते पानी में धोने चाहिए और नहाना चाहिए। वह सन्ध्या तक अशुद्ध रहाग।
“यदि कोई व्यक्ति किसी स्त्री के साथ मासिक धर्म के समय यौन सम्बन्ध करता है तो वह व्यक्ति सात दिन तक अशुद्ध रहेगा। हर एक बिस्तर जिस पर वह सोता है, अशुद्ध होगा।
“यदि किसी स्त्री को कई दिन तक रक्त स्राव रहता है जो उसके मासिकधर्म के समय नहीं होता, या निश्चित समय के बाद मासिकधर्म हो ता है तो वह उसी प्रकार अशुद्ध होगी जिस प्रकार मासिकधर्म के समय और तब तक अशुद्ध रहेगी जब तक रहेगा।
पूरे रक्त स्राव के समय वह स्त्री जिस बिस्तर पर लेटेगी, वह वैसा ही होगा जैसा मासिकधर्म के समय। जिस किसी चीज़ पर वह स्त्री बैठेगी, वह वैसे ही अशुद्ध होगी जैसे वह मासिकधर्म क अशुद्ध होती है।
तब याजक को एक पक्षी पापबलि के रूप में तथा दूसरे को होमबलि के रूप में चढ़ाना चाहिए। इस प्रकार वह याजक उसे यहोवा के सामने उसके स्राव से उत्पन्न अशुद्धि से शुद्ध करेगा।
“इसलिए तुम इस्राएल के लोगों को अशुद्ध होने और उनको अशुद्धि से दूर रहने के बारे में सावधान करना । यदि तुम लोगों को सावधान नहीं करते तो वे मेरे पवित्र तम्बू को अशुद्ध कर सकते हैं और तब उन्हें मरना होगा!”
और ये नियम उन स्त्रियों के लिए हैं जो अपने मासिकधर्म क रक्त स्राव के समय अशुद्ध होती है और वे नियम उन पुरुषों के लिए है जो अशुद्ध स्त्रियों के साथ सोने से अशुद्ध होते हैं।