दूसरे दिन सवेरे यहोशू और इस्राएल के सभी लोग उठे और शित्तीम को उन्होंने छोड़ दिया। उन्होंने यरदन नदी तक यात्रा की । उन्होंने पार करने के पहले यरदन नदी पर डेरे लगाए।
प्रमुखों ने लोगों को आदेश दिये। उन्होंने कहा, “तुम लोग याजक और लेवीवंशियों को अपने परमेश्वर यहोवा के साक्षीपत्र का सन्दूक ले जाते हुए देखोगे। उस समय तुम जहाँ हो, उसे छोड़ोगे और उनके पीछे चलोगे।
किन्तु उनके बहुत निकट न रहो। लगभग एक हजार गज दूर उनके पीछे रहो। तुमने पहले इस ओर की यात्रा कभी नहीं की है। इसलिए यदि तुम उनके पीछे चलोगे, तो तुम जानोगे कि तुम्हे कहाँ जाना है।”
तब यहोशू ने याजकों से कहा, “साक्षीपत्र के सन्दूक को उठाओ और लोगों से पहले नदी के पार चलो।” इसलिए याजकों ने सन्दूक को उठाया और उसे लोगों के सामने ले गए।
तब यहोवा ने यहोशू से कहा, “आज मैं इस्राएल के लोगों की दृष्टि में तुम्हें महान व्यक्ति बनाना आरम्भ करूँगा। तब लोग जानेंगे कि मैं तुम्हारे साथ वैसे ही हूँ जैसे मैं मूसा के साथ था।
यह इस बात का प्रमाण है कि साक्षात् परमेश्वर सचमुच तुम्हारे साथ है। यह इस बात का प्रमाण है कि वह तुम्हारे शत्रु कनान के लोगों हित्तियों, हिव्वियों, परिज्जियों, गिर्गाशियों, एमोरी लोगों तथा यबूसी लोगों को हराएगा और उन्हें उस देश को छोड़ने के लिए विवश करेगा।
याजक सारे संसार के स्वामी, यहोवा के सन्दूक को लेकर चलेंगे। वे उस सन्दूक को तुम्हारे सामने यरदन नदी में ले जाएंगे। जब वे पानी में घुसेंगे, तो यरदन के पानी का बहना रूक जायेगा। पानी रूक जाएगा और उस स्थान के पीछे बाँध की करह खड़ा हो जाएगा।”
(फसल पकने के समय यरदन नदी अपने तटों को डुबा देती है। अत: नदी पूरी तरह भरी हुई थी।) सन्दूक ले चलने वाले याजक नदी के किनारे पहुँचे। उन्होंने पानी में पाँव रखा।
और उस समय पानी का बहना बन्द हो गया। पानी उस स्थान के पीछे बांध की तरह खड़ा हो गया। नदी के चढ़ाव की ओर लम्बी दूरी तक पानी लगातार आदाम तक (सारतान के समीप एक नगर ) ऊँचा खड़ा होता चला गया। लोगों ने यरीहो के पास नदी को पार किया।
उस जगह की धरती सूख गई याजक यहोवा के साक्षीपत्र के सन्दूक को नदी के बीच ले जाकर रूक गये। जब इस्राएल के लोग यरदन नदी को सूखी धरती से होते हुए चल कर पार कर रहे थे, तब याजक वहाँ उनकी प्रतीक्षा में थे।