उन्होंने वे सारे खेत नगरों के साथ पाए जो बालत्बेर तक फैले थे। (यह नेगव क्षेत्र में रामा ही है।) इस प्रकार यह वह प्रदेश था, जो शिमोनी लोगों के परिवार समूह को दिया गया। हर एक ने इस भूमि को प्राप्त किया।
शिमोनी लोगों की भूमि यहूदा के प्रदेश के भाग से ली गई थी। यहूदा के पास उन लोगों की आवश्यकता से अधिक भूमि थी। इसलिए शिमोनी लोगों को उनकी भूमि का भाग मिला।
तब सीमा पूर्व की ओर मुड़ी। यह सीमा बेतदागोन तक गई। यह सीमा जबूलून और यिप्तहेल की घाटी को छू रही थी। तब यह सीमा बेतेमेक और नीएल के उत्तर को गई थी। यह सीमा काबूल के उत्तर से गई थी।
उनके प्रदेश की सीमा सानन्नीम के क्षेत्र में विशाल वृक्ष से आरम्भ हुई। यह हेलेप के निकट है। तब यह सीमा अदामी ने केब और यब्नेल से होकर गई। यह सीमा लक्कूम पर समाप्त हुई।
तब यह सीमा पश्चिमी को अजनोत्ताबोर होकर गई। यह सीमा हुक्कोक पर समाप्त हुई। यह सीमा दक्षिण को जबूलून क्षेत्र तक गई थी। यह सीमा पश्चिम में आशेर के क्षेत्र तक पहुँचती थी। यह सीमा पूर्व में यरदन नदी पर यहूदा को जाती थी।
ये नगर और उनकी चारों ओर के कस्बे उस प्रदेश में थे, जो नप्ताली के परिवार समूह को दिया गया था। उस परिवार समूह के हर एक परिवार ने इस भूमि का कुछ भाग पाया।
किन्तु दान के लोगों को अपना प्रदेश लेने मं परेशानी उठानी पड़ी। वहाँ शक्तिशाली शत्रु थे और दान के लोग उन्हें सरलता से पराजित नहीं कर सकते थे। इसलिए दान के लोग गए और लेशेम के विरूद्ध लड़े। उन्होंने लेशेम को पराजित किया तथा जो लगो वहाँ रहते थे, उन्हें मार डाला। इसलिए दान के लोग लेशेम नगर में रहे। उन्होंने उसका नाम बदल कर दान कर दिया क्योंकि यह नाम उनके परिवार समूह के पूर्वज का था।
इस प्रकार प्रमुखों ने प्रदेश का बँटवारा करना और विभिन्न परिवार समूहों को उन्हें देना पूरा किया। जब उन्होंने वह पूरा कर लिया तब इस्राएल के सब लोगों ने नून के पुत्र यहोशू को भी कुछ प्रदेश देने का निश्चय किया। ये वही प्रदेश थे जिन्हें उसको देने का वचन दिया गया था।
यहोवा ने आदेश दिया कि उसे यह प्रदेश मिले। इसलिए उन्होंने एप्रैम के पहाड़ी प्रदेश में यहोशू को विम्नत्सेरह नगर दिया। यही वह नगर था, जिसके लिये यहोशू ने कहा था की मैं उसे चाहता हूँ। इसलिए यहोशू ने उन नगर को अधिक दृढ़ बनाया और वह उसमें रहने लगा।
इस प्रकार ये सारे प्रदेश इस्राएल के विभिन्न परिवार समूह को दिये गए। प्रदेश का बँटवारा करने के लिये शिलो में याजक एलीआज़र नून का पुत्र यहोशू और हर एक परिवार समूह के प्रमुख एकत्र हुए। वे यहोवा के सामने मिलापवाले तम्बू के द्वार पर इकट्ठे हुए थे। इस प्रकार उन्होंने प्रदेश का विभाजन पूरा कर लिया था।