English Bible Languages

Indian Language Bible Word Collections

Bible Versions

English

Tamil

Hebrew

Greek

Malayalam

Hindi

Telugu

Kannada

Gujarati

Punjabi

Urdu

Bengali

Oriya

Marathi

Assamese

Books

Joshua Chapters

Joshua 11 Verses

1 हासोर के राजा, याबीन ने जो कुछ हुआ उसके बारे में सुना। इसलिए उसने कई राजाओं की सेनाओं को एक साथ बुलाने का निर्णय लिया। याबीन ने मादोन के राजा योबाब, शिम्रोन के राजा, अक्षाप के राजा और
2 उत्तर के पहाड़ी एवं मरुभूमि प्रदेश के सभी राजाओं के पास सन्देश भेजा। याबीन ने किन्नेरेत के राजा, नेगेव और पश्चिमी नीची पहाड़ियों के राजाओं को सन्देश भेजा। याबीन ने पश्चिम में नफोथ दोर के राजा को भी सन्देश भेजा।
3 याबीन न पूर्व और पश्चिम के कनानी लोगों के राजाओं के पास सन्देश भेजा। उसने पहाड़ी प्रदेशों में रहने वाले एमोरी, हित्तियों, परिज्जियों और यबूसियों के पास सन्देश भेजा। उसने मिस्पा क्षेत्र के हेर्मोन पहाड़ के नीचे रहने वाले हिव्वी लोगों को भी सन्देश भेजा।
4 इसलिये इन सभी राजओं की सेनायें एक साथ आईं। वहाँ अनेक योद्धा, घोड़े और रथ थे। वह अत्यन्त विशाल सेना थी, वह ऐसी दिखाई पड़ती थी मानों उसमें इतने सैनिक थे जितने समुद्र तट पर बालू के कण।
5 ये सभी राजा छोटी नदी मेरोम के निकट इकट्ठे हुए। उन्होंने अपनी सेवाओं को एक डेरे में एकत्र किया। उन्होंने इस्राएल के विरुद्ध युद्ध करने की योजना बनाई।
6 तब यहोवा ने यहोशू से कहा, “उस सेना से डरो नहीं। कल इसी समय, मैं तुम्हें उनको हराने दूँगा। तुम उन सभी को मार डालोगे। तुम घोड़ों की टांगे काट डालोगे और उनके सारे रथों को जला डालोगे।”
7 यहोशू और उसकी पूरी सेना ने अचानक आक्रमण करके उन्हें चौंका दिया। उन्होंने मेरोम नदी पर शत्रु पर आक्रमण किया।
8 यहोवा ने इस्राएलयों को उन्हें हराने दिया। इस्राएल की सेना ने उनको हराया और उनका पूर्व में वृहत्तर सीदोन, मिस्रपोत—मैम और मिस्पा की घाटी तक पीछा किया। इस्राएल की सेना उनसे तब तक युद्ध करती रही जब तक शत्रुओं में से कोई भी व्यक्ति जीवित न बचा।
9 यहोशू ने वही किया जो यहोवा ने कहा था कि वह करेगा अर्थात् यहोशू ने उनके घोड़ों की टाँगे काटीं और उनके रथों को जलाया।
10 तब यहोशू लौटा और हासोर नगर पर अधिकार किया। यहोशू ने हासोर के राजा को मार डाला। (हासोर उन सभी राज्यों में प्रमुख था जो इस्राएल के विरुद्ध लड़े थे।)
11 इस्राएल की सेना ने उस नगर के हर एक को मार डाला। उन्होने सभी लोगों को पूरी तरह नष्ट कर दिया। वहाँ कुछ भी जीवित नहीं रहने दिया गया। तब उन्होंने नगर को जला दिया।
12 यहोशू ने इन सभी नगरों पर अधिकार किया। उसने उनके सभी राजाओं को मार डाला। यहोशू ने इन नगरों की हर एक चीज़ को पूरी तरह नष्ट कर दिया। उसने यह यहोवा के सेवक मूसा ने जैसा आदेश दिया था वैसा ही किया।
13 किन्तु इस्राएल की सेना ने किसी भी ऐसे नगर को नहीं जलाया जो पहाड़ी पर बना था। उन्होंने पहाड़ी पर बने एकमात्र हासोर नगर को ही जलाया। यह वह नगर था, जिसे यहोशू ने जलाया।
14 इस्राएल के लोगों ने वे सभी चीज़ें अपने पास रखी, जो उन्हें उन नगरों में मिलीं। उन्होंने उन जानवरों को अपने पास रखा, जो उन्हें नगर में मिले। किन्तु उन्होंने वहाँ के सभी लोगों को मार डाला। उन्होंने किसी व्यक्ति को जीवित नहीं छोड़ा।
15 यहोवा ने बहुत पहले अपने सेवक मूसा को यह करने का आदेश दिया था। तब मूसा ने यहोशू को यह करने का आदेश दिया था। इस प्रकार यहोशू ने यहोवा की आज्ञा पूरी की। यहोशू ने वही सब किया, जो मूसा को यहोवा का आदेश था।
16 इस प्रकार यहोशू ने इस पूरे देश के सभी लोगों को पराजित किया। पहाड़ी प्रदेश, नेगेव—क्षेत्र, सारा गोशेन क्षेत्र, पश्चिमी नीची पहाड़ियों का प्रदेश, यरदन घाटी, इस्राएल के पर्वत और उनके निकट की पहाड़ियों पर उसका अधिकार हो गया था।
17 होशू का अधिकार सेईर के निकट हालाक पर्वत से लेकर हेर्मोन पर्वत के नीचे लबनोन की घाटी मं बालगाद तक के प्रदेश पर हो गया था।
18 यहोशू उन राजाओं से कई वर्ष लड़ा।
19 उस पूरे देश में केवल एक नगर ने शान्ति—सन्धि की । वह हिव्वी लोगों का नगर गिबोन था। सभी अन्य नगर युद्ध में पराजित हुए।
20 यहोवा चाहता था कि वे लोग सोचें कि वे शक्तिशीली थे। तब वे इस्राएल के विरुद्ध लड़ेंगे। इस प्रकार वे उन्हें बिना दया के नष्ट कर सकते थे। वह उन्हें उस तरह नष्ट कर सकता था, जिस तरह यहोवा ने मूसा को करने का आदेश दिया था।
21 अनाकी लोग हेब्रोन, दबीर, अनाब और यहूदा और इस्राएल के क्षेत्रों के पहाड़ी प्रदेश में रहते थे। यहोशू इन अनाकी लोगों के विरुद्ध लड़ा। यहोशू ने इन लोगों और इनके नगरों को पूरी तरह नष्ट कर दिया।
22 वहाँ कोई भी अनाकी व्यक्ति इस्राएल में जीवित न छोड़ा गया। जो अनाकी लोग जीवित छोड़ दिये गये थे, वे अज्जा, गत और अशदोद में थे।
23 यहोशू ने पूरे इस्राएल प्रदेश पर अधिकार कर लिया। इस बात को यहोवा ने मूसा से बहुत पहले ही कह दिया। यहोवा ने वह देश इस्राएल को इसलिए दिया क्योंकि उसने इसके लिये वचन दिया था। तब यहोशू ने इस्राएल के परिवार समूहों में उस प्रदेश को बाँटा तब युद्ध बन्द हुआ और अन्तिम रूप में शान्ति स्थापित हो गई।
×

Alert

×