Indian Language Bible Word Collections
Job 37:8
Job Chapters
Job 37 Verses
Books
Old Testament
New Testament
Bible Versions
English
Tamil
Hebrew
Greek
Malayalam
Hindi
Telugu
Kannada
Gujarati
Punjabi
Urdu
Bengali
Oriya
Marathi
Assamese
Books
Old Testament
New Testament
Job Chapters
Job 37 Verses
1
“हे अय्यूब, जब इन बातों के विषय में मैं सोचता हूँ, मेरा हृदय बहुत जोर से धड़कता है।
2
हर कोई सुनों, परमेश्वर की वाणी बादल की गर्जन जैसी सुनाई देती है। सुनों गरजती हुई ध्वनि को जो परमेश्वर के मुख से आ रही है।
3
परमेश्वर अपनी बिजली को सारे आकाश से होकर चमकने को भेजता है। वह सारी धरती के ऊपर चमका करती है।
4
बिजली के कौंधने के बाद परमेश्वर की गर्जन भरी वाणी सुनी जा सकती है। परमेश्वर अपनी अद्भुत वाणी के साथ गरजता है। जब बिजली कौंधती है तब परमेश्वर की वाणी गरजती है।
5
परमेश्वर की गरजती हुई वाणी अद्भुत है। वह ऐसे बड़े कर्म करता है, जिन्हें हम समझ नहीं पाते हैं।
6
परमेश्वर हिम से कहता है, ‘तुम धरती पर गिरो’ और परमेश्वर वर्षा से कहता है, ‘तुम धरती पर जोर से बरसो।’
7
परमेश्वर ऐसा इसलिये करता है कि सभी व्यक्ति जिनको उसने बनाया है जान जाये कि वह क्या कर सकता है। वह उसका प्रमाण है।
8
पशु अपने खोहों में भाग जाते हैं, और वहाँ ठहरे रहते हैं।
9
दक्षिण से तूफान आते हैं, और उत्तर से सर्दी आया करती है।
10
परमेश्वर का श्वास बर्फ को रचता है, और सागरों को जमा देता है।
11
परमेश्वर बादलों को जल से भरा करता है, और बिजली को बादल के द्वारा बिखेरता है।
12
परमेश्वर बादलों को आने देता है कि वह उड़ कर सब कहीं धरती के ऊपर छा जाये और फिर बादल वहीं करते हैं जिसे करने का आदेश परमेश्वर ने उन्हें दिया है।
13
परमेश्वर बाढ़ लाकर लोगों को दण्ड देने अथवा धरती को जल देकर अपना प्रेम दर्शाने के लिये बादलों को भेजता है।
14
“अय्यूब, तू क्षण भर के लिये रुक और सुन। रुक जा और सोच उन अद्भुत कार्यो के बारे में जिन्हें परमेश्वर किया करता हैं।
15
अय्यूब, क्या तू जानता है कि परमेश्वर बादलों पर कैसे काबू रखता है क्या तू जानता है कि परमेश्वर अपनी बिजली को क्यों चमकाता है
16
क्या तू यह जानता है कि आकाश में बादल कैसे लटके रहते हैं। ये एक उदाहरण मात्र हैं। परमेश्वर का ज्ञान सम्पूर्ण है और ये बादल परमेश्वर की अद्भुत कृति हैं।
17
किन्तु अय्यूब, तुम ये बातें नहीं जानते। तुम बस इतना जानते है कि तुमको पसीना आता है और तेरे वस्त्र तुझ से चिपके रहते हैं, और सब कुछ शान्त व स्थिर रहता है, जब दक्षिण से गर्म हवा आती है।
18
अय्यूब, क्या तू परमेश्वर की मदद आकाश को फैलाने में और उसे झलकाये गये दर्पण की तरह चमकाने में कर सकता है
19
“अय्यूब, हमें बता कि हम परमेश्वर से क्या कहें। हम उससे कुछ भी कहने को सोच नहीं पाते क्योंकि हम पर्याप्त कुछ भी नहीं जानते।
20
क्या परमेश्वर से यह कह दिया जाये कि मैं उस के विरोध में बोलना चाहता हूँ। यह वैसे ही होगा जैसे अपना विनाश माँगना।
21
देख, कोई भी व्यक्ति चमकते हुए सूर्य को नहीं देख सकता। जब हवा बादलों को उड़ा देती है उसके बाद वह बहुत उजला और चमचमाता हुआ होता है।
22
और परमेश्वर भी उसके समान है। परमेश्वर की सुनहरी महिमा चमकती है। परमेश्वर अद्भुत महिमा के साथ उत्तर से आता है।
23
सर्वशक्तिमान परमेश्वर सचमुच महान है, हम परमेश्वर को नहीं जान सकते परमेश्वर सदा ही लोगों के साथ न्याय और निष्पक्षता के साथ व्यवहार करता हैं।
24
इसलिए लोग परमेश्वर का आदर करते हैं, किन्तु परमेश्वर उन अभिमानी लोगों को आदर नहीं देता है जो स्वयं को बुद्धिमान समझते हैं।”