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Isaiah Chapters

Isaiah 50 Verses

1 यहोवा कहता है, “हे इस्राएल के लोगों, तुम कहा करते थे कि मैंने तुम्हारी माता यरूशलेम को त्याग दिया। किन्तु वह त्यागपत्र कहाँ है जो प्रमाणित कर दे कि मैंने उसे त्यागा है। हे मेरे बच्चों, क्या मुझको किसी का कुछ देना है क्या अपना कोई कर्ज चुकाने के लिये मैंने तुम्हें बेचा है नहीं! देखो जरा, तुम बिके थे इसलिए कि तुमने बुरे काम किये थे। इसलिए तुम्हारी माँ (यरूशलेम) दूर भेजी गई थी।
2 जब मैं घर आया था, मैंने वहाँ किसी को नहीं पाया। मैंने बार—बार पुकारा किन्तु किसी ने उत्तर नहीं दिया। क्या तुम सोचते हो कि तुमको मैं नहीं बचा सकता हूँ मैं तुम्हारी विपत्तियों से तुम्हें बचाने की शक्ति रखता हूँ। देखो, यदि मैं समुद्र को सूखने को आदेश दूँ तो वह सूख जायेगा। मछलियाँ प्राण त्याग देंगी क्योंकि वहाँ जल न होगा और उनकी देह सड़ जायेंगी।
3 मैं आकाशों को काला कर सकता हूँ। आकाश वैसे ही काले हो जायेंगे जैसे शोकवस्त्र होते हैं।”
4 मेरे स्वामी यहोवा ने मुझे शिक्षा देने की योग्यता दी है। इसी से अब इन दु:खी लोगों को मैं सशक्त बना रहा हूँ। हर सुबह वह मुझे जगाता है और एक शिष्य के रूप में शिक्षा देता है।
5 मेरा स्वामी यहोवा सीखने में मेरा सहायक है और मैं उसका विरोधी नहीं बना हूँ। मैं उसके पीछे चलना नहीं छोड़ूँगा।
6 उन लोगों को मैं अपनी पिटाई करने दूँगा। मैं उन्हें अपनी दाढ़ी के बाल नोचने दूँगा। वे लोग जब मेरे प्रति अपशब्द कहेंगे और मुझ पर थूकेंगे तो मैं अपना मुँह नहीं मोड़ूँगा।
7 मेरा स्वामी, यहोवा मेरी सहायता करेगा। इसलिये उनके अपशब्द मुझे दु:ख नहीं पहुँचायेंगे। मैं सुदृढ़ रहूँगा। मैं जानता हूँ कि मुझे निराश नहीं होना पड़ेगा।
8 यहोवा मेरे साथ है। वह दर्शाता है कि मैं निर्दोष हूँ। इसलिये कोई भी व्यक्ति मुझे अपराधी नहीं दिखा पायेगा। यदि कोई व्यक्ति मुझे अपराधी प्रमाणित करने का जतन करना चाहता है तो वह व्यक्ति मेरे पास आये। हम इसके लिये साथ साथ मुकद्दमा लड़ेंगे।
9 किन्तु देख, मेरा स्वामी यहोवा मेरी सहायता करता है, सो कोई भी व्यक्ति मुझे दोषी नहीं दिखा सकता। वे सभी लोग मूल्यहीन पुराने कपड़ों जैसे हो जायेंगे। कीड़े उन्हें चट कर जायेंगे।
10 जो व्यक्ति यहोवा का आदर करता है उसे उसके सेवक की भी सुननी चाहिये। वह सेवक, आगे क्या होगा, इसे जाने बिना ही परमेश्वर में पूरा विश्वास रखते हुए अपना जीवन बिताता है। वह सचमुच यहोवा के नाम में विश्वास रखता है और वह सेवक अपने परमेश्वर के भरोसे रहता है।
11 “देखो, तुम लोग अपने ही ढंग से जीना चाहते हो। अपनी अग्नि और अपनी मशालों का तुम स्वयं जलाते हो। तुम अपने ही ढंग से रहना चाहते। किन्तु तुम्हें दण्ड दिया जायेगा। तुम अपनी ही आग में गिरोगे और तुम्हारी अपनी ही मशालें तुम्हें जला डालेंगी। ऐसी घटना मैं घटवाऊँगा।”
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