English Bible Languages

Indian Language Bible Word Collections

Bible Versions

English

Tamil

Hebrew

Greek

Malayalam

Hindi

Telugu

Kannada

Gujarati

Punjabi

Urdu

Bengali

Oriya

Marathi

Assamese

Books

Exodus Chapters

Exodus 7 Verses

1 यहोवा ने मूसा से कहा, “मैं तुम्हारे साथ रहूँगा। फ़िरौन के लिए तुम एक महान राजा [*महान राजा या “परमेश्वर।”] की तरह होगे और हारून तुम्हारा अधिकृत वक्ता [†वक्ता या “नबी।”] होगा।
2 जो आदेश मैं दे रहा हूँ वह सब कुछ हारून से कहो। तब वह वे बातें जो मैं कह रहा हूँ, फ़िरौन से कहेगा और फ़िरौन इस्राएल के लोगों को इस देश से जाने देगा।
3 किन्तु मैं फ़िरौन को हठी बनाऊँगा। वह उन बातों को नहीं मानेगा जो तुम कहोगे। तब मैं मिस्र में बहुत से चमत्कार करूँगा। किन्तु वह फिर भी नहीं सुनेगा।
4 इसलिए तब मैं मिस्र को बुरी तरह दण्ड दूँगा और मैं अपने लोगों को उस देश के बाहर ले चलूँगा।
5 तब मिस्र के लोग जानेंगे कि मैं यहोवा हूँ। मैं उनके विरूद्ध हो जाऊँगा, और वे जानेंगे कि मैं यहोवा हूँ। तब मैं अपने लोगों को उनके देश से बाहर ले जाऊँगा।”
6 मूसा और हारून ने उन बातों का पालन किया जिन्हें यहोवा ने कहा था।
7 इस समय मूसा अस्सी वर्ष का था और हारून तिरासी का।
8 यहोवा ने मूसा और हारून से कहा,
9 “फ़िरौन तुमसे तुम्हारी शक्ति को प्रमाणित करने के लिए कहेगा। वह तुम्हें चमत्कार दिखाने के लिए कहेगा। तुम हारून से उसकी लाठी जमीन पर फेंकने को कहना। जिस समय फ़िरौन देख रहा होगा तभी लाठी साँप बन जाएगी।”
10 इसलिए मूसा और हारून फ़िरौन के पास गए और यहोवा की आज्ञा का पालन किया। हारून ने अपनी लाठी नीचे फेंकी। फिरौन और उसके अधिकारियों के देखते—देखते लाठी साँप बन गयी।
11 इसलिए फ़िरौन ने अपने गुणी पुरुषों और जादूगरों को बुलाया। इन लोगों ने अपने रहस्य चातुर्य का उपयोग किया और वे भी हारून के समान कर सके।
12 उन्होंने अपनी लाठियाँ ज़मीन पर फेंकी और वे साँप बन गई। किन्तु हारून की लाठी ने उनकी लाठियों को खा डाला।
13 फ़िरौन ने फिर भी, लोगों का जाना मना कर दिया। यह वैसा ही हुआ जैसा यहोवा ने कहा था। फिरौन ने मूसा और हारून की बात सुनने से मना कर दिया।
14 तब यहोवा ने मूसा और हारून से कहा, “फ़िरौन हठ पकड़े हुए है। फिरौन लोगों को जाने से मना करता है।
15 सवेरे फ़िरौन नदी पर जाएगा। उसके साथ नील नदी के किनारे—किनारे जाओ। उस लाठी को अपने साथ ले लो जो साँप बनी थी।
16 उससे यह कहो, ‘हिब्रू लोगों के परमेश्वर यहोवा ने हमको तुम्हारे पास भेजा है। यहोवा ने मुझे तुमसे यह कहने को कहा है, मेरे लोगों को मेरी उपासना करने के लिए मरुभूमि में जाने दो। तुमने भी अब तक यहोवा की बात पर कान नहीं दिया है।
17 इसलिए यहोवा कहता है कि, मैं ऐसा करूँगा जिससे तुम जानोगे कि मैं यहोवा हूँ। जो मैं अपने हाथ की इस लाठी को लेकर नील नदीं के पानी पर मारुँगा और नील नदी खून में बदल जाएगी।
18 तब नील नदी की मछलियाँ मर जाएंगी और नदी से दुर्गन्ध आने लगेगी। और मिस्री लोग नदी से पानी नहीं पी पाएँगे।’ ”
19 यहोवा ने मूसा को यह आदेश दिया, “हारून से कहो कि वह नदियों, नहरों, झीलों तथा तालाबों सभी स्थानों पर जहाँ मिस्र के लोग पानी एकत्र करते हैं, अपने हाथ की लाठी को बढ़ाए। जब वह ऐसा करेगा तो सारा जल खून में बदल जाएगा। सारा पानी, यहाँ तक कि लकड़ी और पत्थर के घड़ों का पानी भी, खून में बदल जाएगा।”
20 इसलिए मूसा और हारून ने यहोवा का जैसा आदेश था, वैसा किया। उसने लाठी को उठाया और नील नदी के पानी पर मारा। उसने यह फ़िरौन और उसके अधिकारियों के सामने किया। फिर नदी का सारा जल खून में बदल गया।
21 नदी में मछलियाँ मर गई और नदी से दुर्गन्ध आने लगी। इसलिए मिस्री नदी से पानी नहीं पी सकते थे। मिस्र में सर्वत्र खून था।
22 जादूगरों ने अपनी जादूगरी दिखाई और उन्होंने भी वैसा ही किया। इसलिए फ़िरौन ने मूसा और हारून को सुनने से इन्कार कर दिया। यह ठीक वैसा ही हुआ जैसा यहोवा ने कहा था।
23 फिरौन मुड़ा और अपने घर चला गया। फ़िरौन ने, मूसा और हारून ने जो कुछ किया, उसकी उपेक्षा की।
24 मिस्री नदी से पानी नहीं पी सकते थे। इसलिए पीने के पानी के लिए उन्होंने नदी के चारों और कुएँ खोदे।
25 यहोवा द्वारा नील नदी के बदले जाने के बाद सात दिन बीत गये।
×

Alert

×