तुम्हें वेदी को वर्गाकार अट्ठारह इंच लम्बी और अट्ठारह इंच चौड़ी बनानी चाहिए। यह छत्तीस इंच ऊँची होनी चाहिए। चारों कोनों पर सींग लगे होने चाहिए। ये सींग वेदी के साथ एक ही इकाई के रूप में वेदी के साथ जड़े जाने चाहिए।
इस पट्टी के नीचे सोने के दो छल्ले होने चाहिए। वेदी के दूसरी ओर भी सोने के दो छल्ले होने चाहिए। ये छल्ले वेदी को ले जाने के लिए बल्लियों को फँसाने के लिए होंगे।
वेदी को विशेष पर्दे के सामने रखो। साक्षीपत्र का सन्दूक उस पर्दे के दूसरी ओर है। उस सन्दूक को ढकने वाले ढक्कन के सामने वेदी रहेगी। यही वह स्थान है जहाँ मैं तुमसे मिलूँगा।
“वर्ष में एक बार हारून यहोवा को विशेष बलिदान अवश्य चढ़ाए। हारून पापबलि के खून का उपयोग लोगों के पापों को धोने के लिए करेगा, हारून इस वेदी के सींगों पर यह करेगा। यह दिन प्रायश्चित का दिन कहलाएगा। यह यहोवा के लिए अति पवित्र दिन होगा।”
“इस्राएल के लोगों को गिनो जिससे तुम जानोगे कि वहाँ कितने लोग है। जब कभी यह किया जाएगा हर एक व्यक्ति अपने जीवन के लिए यहोवा को धन देगा। यदि हर एक व्यक्ति यह करेगा तो लोगों के साथ कोई भी भयानक घटना घटित नहीं होगी।
इस्राएल के लोगों से यह धन इकट्ठा करो। मिलापवाले तम्बू में सेवा के लिए इसका उपयोग करो। यह भुगतान यहोवा के लिए अपने लोगों को याद करने का एक तरीका होगा। वे अपने जीवन के लिए भुगतान करते रहेंगे।”
“एक काँसे की चिलमची बनाओ और इसे काँसे के आधार पर रखो। तुम इसका उपयोग हाथ पैर धोने के लिए करोगे। चिलमची को मिलापवाले तम्बू और वेदी के बीच रखो। चिलमची को पानी से भरो।
तो वे अपने हाथ पैर अवश्य धोएँ, इससे वे मरेंगे नहीं। यह ऐसा नियम होगा जो हारून और उसके लोगों के लिए सदा बना रहेगा। यह नियम हारून के उन सभी लोगों के लिए बना रहेगा जो भविष्य में होंगे।”
धूप वाली वेदी पर तेल डालो। यहोवा के लिए होमबलि वाली वेदी पर भी तेल डालो। उस वेदी की सभी चीज़ों पर यह तेल डालो। कटोरे और उसके नीचे के आधार पर यह तेल डालो।
साधारण सुगन्ध की तरह कोई भी इस तेल का उपयोग नहीं करेगा। उस प्रकार कोई सुगन्ध न बनाओ जिस प्रकार तुमने यह विशेष तेल बनाया। यह तेल पवित्र है और यह तुम्हारे लिए अति विशेष होना चाहिए।
तब यहोवा ने मूसा से कहा, “इन सुगन्धित मसालों को लो: रसगंधा, कस्तूरी गंधिका, बिरोजा और शुद्ध लोबान। सावधानी रखो कि तुम्हारे पास मसालों की बराबर मात्रा हो।
मसालों को सुगन्धित धूप बनाने के लिए आपस में मिलाओ। इसे उसी प्रकार करो जैसा सुगन्ध बनाने वाला व्यक्ति करता है। इस धूप में नमक भी मिलाओ। यह इसे शुद्ध और पवित्र बनाएगा।
कुछ धूप को तब तक पीसते रहो जब तक उसका बारीक चूर्ण न हो जाये। मिलापवाले तम्बू में साक्षीपत्र के सन्दूक के सामने इस चूर्ण को रखो। यही वह स्थान है जहाँ मैं तुमसे मिलूँगा। तुम्हें इस धूप के चूर्ण का उपयोग इसके अति विशेष अवसर पर ही करना चाहिए।
तुम्हें इस चूर्ण का उपयोग केवल विशेष ढँग से यहोवा के लिए ही करना चाहिए। तुम इस धूप को विशेष ढँग से बनाओगे। इस विशेष ढँग का उपयोग अन्य कोई धूप बनाने के लिए मत करो।
कोई व्यक्ति अपने लिए कुछ ऐसे धूप बनाना चाह सकता है जिससे वह सुगन्ध का आनन्द ले सके। किन्तु यदि वह ऐसा करे तो उसे अपने लोगों से अवश्य अलग कर दिया जाये।”