“जो व्यक्ति किसी बैल या भेड़ को चुराता है उसे तुम कैसा दण्ड दोगे? यदि वह व्यक्ति जानवर को मार डाले या बेच दे तो वह उसे लौटा तो नहीं सकता। इसलिए वह एक चुराए बैल के बदले पाँच बैल दे। या वह एक चुराई गई भेड़ के बदले चार भेड़ दे। वह चोरी के लिए कुछ धन भी दे।
(2-4) किन्तु यदि उसके पास अपना कुछ भी नहीं है तो चोरी के लिए उसे दास के रूप में बेचा जाएगा। किन्तु यदि उसके पास चोरी का जानवर पाया जाए तो वह व्यक्ति जानवर के स्वामी को हर एक चुराए गए जानवर के बदले दो जानवर देगा। इस बात का कोई अन्तर नहीं पड़ेगा कि जानवर बैल, गधा या भेड़ हो। “यदि कोई चोर रात को घर में सेंध लगाने का प्रयत्न करते समय मारा जाए तो उसे मारने का अपराधी कोई नहीं होगा। किन्तु यदि यह दिन में हो तो उसका हत्यारा व्यक्ति अपराध का दोषी होगा। चोर को निश्चय ही क्षतिपूर्ति करनी होगी।
“यदि कोई व्यक्ति अपने खेत या अँगूर के बाग में आग लगाए और वह उस आग को फैलने दे और वह उसके पड़ोसी के खेत या अँगूर के बाग को जला दे तो वह अपने पड़ोसी की हानि की पूर्ति में देने के लिए अपनी सबसे अच्छी फसल का उपयोग करेगा।y
“कोई व्यक्ति अपने खेत की झाड़ियों को जलाने के लिए आग लगाए। किन्तु यदि आग बढ़े और उसके पड़ोसी की फसल या पड़ोसी के खेत में उगे अन्न को जला दे तो आग लगाने वाला व्यक्ति जली हुई चीज़ों के बदले भुगतान करेगा।
“कोई व्यक्ति अपने पड़ोसी से उसके घर में कुछ धन या कुछ अन्य चीज़ें रखने को कहे और यदि वह धन या वे चीज़ें पड़ोसी के घर से चोरी चली जाए तो तुम क्या करोगे? तुम्हें चोर का पता लगाने का प्रयत्न करना चाहिए। यदि तुमने चोर को पकड़ लिया तो वह चीज़ों के मूल्य का दुगुना देगा।
किन्तु यदि तुम चोर का पता न लगा सके तब परमेश्वर निर्णय करेगा कि पड़ोसी अपराधी है या नहीं। घर का स्वामी परमेश्वर के सामने जाए और परमेश्वर ही निर्णय करेगा कि उसने चुराया है या नहीं।
“यदि दो व्यक्ति किसी खोए बैल, गधा, भेड़, वस्त्र, यदि किसी अन्य खोई हुई चीज़ के बारे में सहमत न हों तो तुम क्या करोगे? एक व्यक्ति कहता है, ‘यह मेरी है।’ और दूसरा कहता है, ‘नहीं, यह मेरी है।’ दोनों व्यक्ति परमेश्वर के सामने जाएँ। परमेश्वर निर्णय करेगा कि अपराधी कौन है। जिस व्यक्ति को परमेश्वर अपराधी पाएगा वह उस चीज़ के मूल्य से दुगुना भुगतान करे।
“कोई अपने पड़ोसी से कुछ समय के लिए अपने जानवर की देखभाल के लिए कहे। वह जानवर बैल, भेड़, गधा या कोई अन्य पशु हो और यदि वह जानवर मर जाए, उसे चोट आ जाए या कोई उसे तब हाँक ले जाए जब कोई न देख रहा हो तो तुम क्या करोगे?
वह पड़ोसी स्पष्ट करे कि उसने जानवर को नहीं चुराया है। यदि यह सत्य हो तब पड़ोसी यहोवा की शपथ उठाए कि उसने वह नहीं चुराया है। जानवर का मालिक इस शपथ को अवश्य स्वीकार करे। पड़ोसी को जानवर के लिए मालिक को भुगतान नहीं करना होगा।
“यदि कोई व्यक्ति अपने पड़ोसी से किसी जानवर को उधार ले तो उसके लिए वह व्यक्ति ही उत्तरदायी है। यदि उस जानवर को चोट पहुँचे या वह मर जाए तो पड़ोसी मालिक को उस जानवर के लिए भुगतान करे। पड़ोसी इसलिए उत्तरदायी है क्योंकि उसका मालिक स्वयं वहाँ नहीं था।
किन्तु यदि मालिक जानवर के साथ वहाँ हो तब पड़ोसी को भुगतान नहीं करना होगा। या यदि पड़ोसी काम लेने के लिए धन का भुगतान कर रहा हो तो जानवर के मरने या चोट खाने पर उसे कुछ भी नहीं देना होगा। जानवर के उपयोग के लिए दिया गया भुगतान ही पर्याप्त होगा।
“यदि कोई पुरुष किसी अविवाहित कुँवारी कन्या से यौन सम्बन्ध करे तो वह उससे निश्चय ही विवाह करे। और वह उस लड़की के पिता को पूरा दहेज [*दहेज वह धन जो एक व्यक्ति दुल्हन के पिता को इसलिए देना था ताकि वह उस युवती से विवाह कर सके।] दे।
“यदि मेरे लोगों में से कोई गरीब हो और तुम उसे कर्ज़ दो तो उस धन के लिए तुम्हें ब्याज़ नहीं लेना चाहिए। और जल्दी चुकाने के लिए भी तुम उसे मजबूर नहीं करोगे।
यदि वह व्यक्ति अपना लबादा नहीं पाता तो उसके पास शरीर ढकने को कुछ भी नहीं रहेगा। जब वह सोएगा तो उसे सर्दी लगेगी। यदि वह मुझे रोकर पुकारेगा तो मैं उसकी सुनूँगा। मैं उसकी बात सुनूँगा क्योंकि मैं कृपालु हूँ।