यदि पूरा मेमना खा सकने वाले पर्याप्त आदमी अपने परिवारों में न हों तो उस भोजन में सम्मिलित होने के लिए अपने कुछ पड़ोसियों को निमन्त्रित करना चाहिए। खाने के लिए हर एक को पर्याप्त मेमना होना चाहिए।
इन जानवरों का खून तुम्हें इकट्ठा करना चाहिए। कुछ खून उन घरों के दरवाजों की चौखटों के ऊपरी सिरे तथा दोनों पटों पर लगाना चाहिए जिन घरों में लोग यह भोजन करें।
तुम्हें मेमने को पानी में उवालना नहीं चाहिए। तुम्हें पूरे मेमने को आग पर भूनना चाहिए। इस दशा में भी मेमने का सिर, उसके पैर तथा उसका भीतरी भाग ठीक बना रहना चाहिए।
“जब तुम भोजन करो तो ऐसे वस्त्रों को पहनो जैसे तुम लोग यात्रा पर जा रहे हो तुम लोगों के लबादे तुम्हारी पेटियों में कसे होने चाहिए। तुम लोग अपने जूते पहने रहना और अपनी यात्रा की छड़ी को अपने हाथों में रखना। तुम लोगों को शीघ्रता से भोजन कर लेना चाहिए। क्यों? क्योंकि यह यहोवा का फसह है वह समय जब यहोवा ने अपने लोगों की रक्षा की और उन्हें शीघ्रता से मिस्र के बाहर ले गया।
“आज रात मैं मिस्र से होकर गुजरूँगा और मिस्र में प्रत्येक पहलौठे पुत्र को मार डालूँगा। मैं सभी पहलौठे जानवरों और मनुष्यों को मार डालूँगा। मैं मिस्र के सभी देवताओं को दण्ड दूँगा और दिखा दूँगा कि मैं यहोवा हूँ।
किन्तु तुम लोगों के घरों पर लगा हुआ खून एक विशेष चिन्ह होगा। जब मैं खून देखूँगा, तो तुम लोगों के घरों को छोड़ता हुआ गुजर जाऊँगा। [*गुजर जाऊँगा या “रक्षा करुँगा।”] मैं मिस्र के लोगों के लिए हानिकारक चीज़ें उत्पन्न करूँगा। किन्तु उन बुरी बीमारियों में से कोई भी तुम लोगों को हानि नहीं पहुँचाएगी।
“सो तुम लोग आज की इस रात को सदा याद रखोगे, तुम लोगों के लिए यह एक विशेष पवित्र पर्व होगा। तुम्हारे वंशज सदा इस पवित्र पर्व को यहोवा की भक्ति किया करेंगे।
इस पवित्र पर्व पर तुम लोग अख़मीरी आटे की रोटियाँ सात दिनों तक खाओगे। इस पवित्र पर्व के आने पर तुम लोग पहले दिन अपने घरों से सारे ख़मीर को निकाल बाहर करोगे। इस पवित्र पर्व के पूरे सात दिन तक किसी को भी ख़मीर नहीं खाना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति ख़मीर खाए तो उसे तुम इस्राएल के अन्य व्यक्तियों से निश्चय ही अलग कर देना।
इस पवित्र पर्व के प्रथम और अन्तिम दिनों में धर्म सभा होगी। इन दिनों तुम्हें कोई भी काम नहीं करना होगा। इन दिनों केवल एक काम जो किया जा सकता, वह है अपना भोजन तैयार करना।
तुम लोगों को अवश्य अख़मीरी रोटी का पवित्र पर्व याद रखना होगा। क्यों? क्योंकि इस दिन ही मैंने तुम्हारे लोगों के सभी वर्गो को मिस्र से निकाला। अतः तुम लोगों के सभी वंशजों को यह दिन याद रखना ही होगा। यह नियम ऐसा है जो सदा रहेगा।
इसलिए प्रथम महीने निसन के चौदहवें दिन की सन्ध्या से तुम लोग अख़मीरी रोटी खाना आरम्भ करोगे। उसी महीने के इक्कीसवें दिन की सन्ध्या तक तुम ऐसी रोटी खाओगे।
सात दिन तक तुम लोगों के घरों में कोई ख़मीर नहीं होना चाहिए। कोई भी व्यक्ति चाहे वह इस्राएल का नागरिक हो या विदेशी, जो इस समय ख़मीर खाएगा अन्य इस्राएलियों से अवश्य अलग कर दिया जाएगा।
जूफा [†जूफा लगभग 3 फीट ऊँचे तनेवाला पौधा। इसकी पत्तियाँ और शाखाएं केशों की तरह होती हैं, जिससे उनका उपयोग कूची की तरह हो सके।] के गुच्छों को लो और खून से भरे प्यालों में उन्हें डुबाओ। खून से चौखटों के दोनों पटों और सिरों को रंग दो। कोई भी व्यक्ति सवेरा होने से पहले अपना घर न छोड़े।
उस समय जब यहोवा पहलौठे सन्तानों को मारने के लिए मिस्र से होकर जाएगा तो वह चौखट के दोनों पटों और सिरों पर खून देखेगा, तब यहोवा उस घर की रक्षा करेगा। यहोवा नाश करने वाले को तुम्हारे घरों के भीतर आने और तुम लोगों को चोट नहीं पहुँचाने देगा।
तो तुम लोग कहोगे, ‘यह फसह पर्व यहोवा की भक्ति के लिए है। क्यों? क्योंकि जब हम लोग मिस्र में थे तब यहोवा इस्राएल के घरों से होकर गुजरा था। यहोवा ने मिस्रियों को मार डाला, किन्तु उसने हम लोगों के घरों में लोगों को बचाया।’ ” इसलिए लोग अब यहोवा को झुककर प्रणाम करते है तथा उपासना करते हैं।
आधी रात को यहोवा ने मिस्र के सभी पहलौठे पुत्रों, फ़िरौन के पहलौठे पुत्र (जो मिस्र का शासक था) से लेकर बन्दीगृह में बैठे कैदी के पुत्र तक सभी को मार डाला। पहलौठे जानवर भी मर गए।
इसलिए उस रात फ़िरौन ने मूसा और हारून को बुलाया। फ़िरौन ने उनसे कहा, “तैयार हो जाओ और हमारे लोगों को छोड़ कर चले जाओ। तुम और तुम्हारे लोग वैसा ही कर सकते हैं जैसा तुमने कहा है। जाओ और अपने यहोवा की उपासना करो।
इस्राएल के लोगों के पास इतना समय न रहा कि वे अपनी रोटी में खमीर डालें। उन्होंने गुँधे आटे की परातों को अपने कपड़ों में लपेटा और अपने कंधों पर रख कर ले गए।
इस्राएल के लोग रमसिज से सुक्काम गए। वे लगभग छ: लाख [‡छ: लाख या “छ: सौ परिवारों के समूह” हिब्रू शब्द “सहस्र” उस हिब्रू शब्द की तरह है जिसका अर्थ “परिवार के समूह” होता है।] पुरुष थे। इसमें बच्चे सम्मिलित नहीं है।
उनके साथ अनेक भेड़ें, गाय—बकरियाँ और अन्य पशुधन था। उनके साथ ऐसे अन्य लोग भी यात्रा कर रहे थे। जो इस्राएली नहीं थे, किन्तु वे इस्राएल के लोगों के साथ गए।
किन्तु लोगों को रोटी में खमीर डालने का समय न मिला। और उन्होंने अपनी यात्रा के लिए कोई विशेष भोजन नहीं बनाया। इसलिए उन्हें बिना खमीर के ही रोटियाँ बनानी पड़ीं।
इस्राएल के लोग मिस्र [§मिस्र प्राचीन ग्रीक और समरीती अनुवादों में “मिस्र और कनान” है। इससे पता चलता है कि वे लगभग इब्राहीम के समय से वर्षो की गणना कर रहे थे, यूसुफ के समय से नहीं। देखें उत्पत्ति 15:12-16 और गलतियों 3:17.] में चार सौ तीस वर्ष तक रहे।
किन्तु यदि कोई व्यक्ति केवल तुम लोगों के देश में रहता है या किसी व्यक्ति को तुमम्हारे लिए मजदूरी पर रखा गया है तो उस व्यक्ति को उस में से नहीं खाना चाहिए। वह केवल इस्राएल के लोगों के लिए है।
यदि कोई ऐसा व्यक्ति तुम लोगों के साथ रहता है जो इस्राएल की जाति का सदस्य नहीं है किन्तु वह फसह पर्व में सम्मिलित होना चाहता है तो उसका खतना अवश्य होना चाहिए। तब वह इस्राएल के नागरिक के समान होगा, और वह भोजन में भाग ले सकेगा। किन्तु यदि उस व्यक्ति का खतना नहीं हुआ हो तो वह इस फसह पर्व के भोजन को नहीं खा सकता।