अमस्याह ने जब शासन करना आरम्भ किया, वह पच्चीस वर्ष का था। अमस्याह ने उनतीस वर्ष तक यरूशलेम में राज्य किया। अमस्याह की माँ यरूशलेम की निवासी यहोअद्दीन थी।
अमस्याह ने वे कार्य किये जिन्हें यहोवा ने अच्छा बताया था। किन्तु उसने अपने पूर्वज दाऊद की तरह परमेश्वर का अनुसरण पूरी तरह से नहीं किया। अमस्याह ने वे सारे काम किये जो उसके पिता योआश ने किये थे।
किन्तु उसने हत्यारों के बच्चों को, मूसा के व्यवस्था किताब में लिखे नियमों के कारण नहीं मारा। यहोवा ने अपना यह आदेश मूसा के व्यवस्था में दिया थाः “माता—पिता बच्चों द्वारा कुछ किये जाने के कारण मारे नहीं जा सकते और बच्चे अपने माता—पिता द्वारा कुछ किये जाने के कारण मारे नहीं जा सकते। कोई व्यक्ति केवल अपने अपने ही किये बुरे कार्य के लिये मारा जा सकता है।”
अमस्याह ने इस्राएल के राजा येहू के पुत्र यहोआहाज के पुत्र योआश के पास सन्देशवाहक भेजा। अमस्याह के सन्देश में कहा गया, “आओ, हम परस्पर युद्ध करें। आमने सामने होकर एक दूसरे का मुकाबला करें।”
इस्राएल के राजा योआश ने यहूदा के राजा अमस्याह को उत्तर भेजा। योआश ने कहा, “लबानोन की एक कटीली झाड़ी ने लबानोन के देवदारु पेड़ के पास एक सन्देश भेजा। सन्देश यह था, ‘अपनी पुत्री, मेरे पुत्र के साथ विवाह के लिये दो।’ किन्तु लबानोन का एक जंगली जानवर उधर से निकला और कटीली झाड़ी को कुचल गया।
यह सत्य है कि तुमने एदोम को हराया है। किन्तु तुम एदोम पर विजय के कारण घमण्डी हो गए हो। अपनी प्रसिद्धि का आनन्द उठाओ तथा घर पर रहो। अपने लिये परेशानियाँ मत मोल लो। यदि तुम ऐसा करोगे तुम गिर जाओगे और तुम्हारे साथ यहूदा भी गिरेगा!”
बेतशेमेश में इस्राएल के राजा योआश ने अहज्याह के पौत्र वे योआश के पुत्र यहूदा के राजा अमस्याह को बन्दी बना लिया। योआश अमस्याह को यरूशलेम ले गया। योआश ने एप्रैम द्वार से कोने के फाटक तक लगभग छः सौ फुट यरूशलेम की दीवार को गिरवाया।
तब योआश ने सारा सोना—चाँदी और जो भी बर्तन यहोवा के मन्दिर और राजमहल के खजाने में थे, उन सब को लूट लिया। योआश ने कुछ लोगों को बन्दी बना लिया। तब वह शोमरोन को वापस लौट गया।
लोगों ने यरूशलेम में अमस्याह के विरुद्ध एक योजना बनाई। अमस्याह लाकीश को भाग निकला। किन्तु लोगों ने अमस्याह के विरुद्ध लाकीश को अपने आदमी भेजे और उन लोगों ने लाकीश में अमस्याह को मार डाला।
इस्राएल के राजा योआश के पुत्र यारोबाम ने शोमरोन में यहूदा के राजा योआश के पुत्र अमस्याह के राज्यकाल के पन्द्रहवें वर्ष में शासन करना आरम्भ किया। यारोबाम ने इकतालीस वर्ष तक शासन किया।
यारोबाम ने वे कार्य किये जिन्हें यहोवा ने बुरा बताया था। यारोबाम ने उस नबात के पुत्र यारोबाम के पापों को करना बन्द नहीं किया, जिसने इस्राएल को पाप करने के लिये विवश किया।
यारोबाम ने इस्राएल की उस भूमि को जो सिवाना हमात से अराबा सागर (मृत सागर) तक जाती थी, वापस लिया। यह वैसा ही हुआ जैसा इस्राएल के यहोवा ने अपने सेवक गथेपेर के नबी, अमित्तै के पुत्र योना से कहा था।
यारोबाम ने जो बड़े काम किये वे इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में लिखे हैं। उसमें इस्राएल के लिये दमिश्क और हमात को यारोबाम द्वारा वापस जीत लेने की कथा सम्मिलित है। (पहले ये नगर यहूदा के अधिपत्य में थे।)