मुझे बुजुर्ग की ओर से उस महिला को — जो परमेश्वर के द्वारा चुनी गयी है तथा उसके बालकों के नाम जिन्हें मैं सत्य के सहभागी व्यक्तियों के रूप में प्रेम करता हूँ। केवल मैं ही तुम्हें प्रेम नहीं करता हूँ, बल्कि वे सभी तुम्हें प्रेम करते हैं जो सत्य को जान गये हैं।
परम पिता परमेश्वर की ओर से उसका अनुग्रह, दया और शांति सदा हमारे साथ रहेगी तथा परम पिता परमेश्वर के पुत्र यीशु मसीह की ओर से सत्य और प्रेम में हमारी स्थिति बनी रहेगी।
स्वयं को सावधान बनाए रखो! ताकि तुम उसे गँवा न बैठो जिसके लिए हमने [*हमने कुछ यूनानी प्रतियों में “तुमने” है।] कठोर परिश्रम किया है, बल्कि तुम्हें तो तुम्हारा पूरा प्रतिफल प्राप्त करना है।
जो कोई बहुत दूर चला जाता है और मसीह के विषय में दिए गए सच्चे उपदेश में टिका नहीं रहता, वह परमेश्वर को प्राप्त नहीं करता और जो उसकी शिक्षा में बना रहता है, परमपिता और पुत्र दोनों ही उसके पास हैं।
यद्यपि तुम्हें लिखने को मेरे पास बहुत सी बातें हैं किन्तु उन्हें मैं लेखनी और स्याही से नहीं लिखना चाहता। बल्कि मुझे आशा है कि तुम्हारे पास आकर आमने-सामने बैठ कर बातें करूँगा। जिससे हमारा आनन्द परिपूर्ण हो।
तेरी बहन [†बहन पद 1 के “महिला” की बहन। यहाँ यह ऐसा मालूम पड़ता है कि यह दूसरी महिला है, या फिर कोई दूसरा कलीयिसा।] के पुत्र-पुत्रियों का तुझे नमस्कार पहुँचे।